पूर्व न्यायाधीशों ने न्यायमूर्ति स्वामीनाथन पर महाभियोग चलाने के विपक्ष के कदम की कड़ी आलोचना की
पूर्व न्यायाधीशों ने न्यायमूर्ति स्वामीनाथन पर महाभियोग चलाने के विपक्ष के कदम की कड़ी आलोचना की
नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) देश के 36 पूर्व न्यायाधीशों ने मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी. आर. स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग चलाने के विपक्षी नेताओं के कदम की निंदा करने की सांसदों सहित लोगों से शनिवार को अपील करते हुए कहा कि अगर इस तरह के प्रयास को आगे बढ़ने दिया गया तो यह लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही काट देगा।
न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने एक दिसंबर को निर्देश दिया था कि अरुलमिघु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर, उच्ची पिल्लैयार मंडपम के पास परंपरागत रूप से दीप प्रज्वलन के अलावा दीपथून में भी दीप जलाए।
एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि ऐसा करने से निकटवर्ती दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा।
इस आदेश से विवाद खड़ा हो गया और नौ दिसंबर को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को न्यायाधीश को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने का नोटिस सौंपा।
इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पूर्व न्यायाधीशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह ‘‘समाज के एक विशेष वर्ग की वैचारिक और राजनीतिक अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं चलने वाले न्यायाधीशों को धमकाने का एक शर्मनाक प्रयास है’’।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस तरह के प्रयास को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है तो यह हमारे लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही काट देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम सभी हितधारकों – सभी दलों के सांसदों, बार के सदस्यों, नागरिक संगठनों और आम नागरिकों से इस कदम की स्पष्ट रूप से निंदा करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि इसे शुरुआत में ही रोक दिया जाए।’’
बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि न्यायाधीशों को अपनी शपथ और भारत के संविधान के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए, न कि ‘‘पक्षपातपूर्ण राजनीतिक दबावों या वैचारिक धमकियों’’ के प्रति।
भाषा सुरभि सिम्मी
सिम्मी

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