देहरादून, 25 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी की संभावना को नकार दिया है, किंतु साथ ही कहा कि वह उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करना जारी रखेंगे।
महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से संवाद करते हुए कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी क्योंकि वह बार बार यात्रा करने के कारण थक गए थे।
कोश्यारी को सितंबर 2019 में महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा देने का विकल्प चुना क्योंकि उनका स्वास्थ्य देश के सबसे बड़े राज्य के उपराज्यपाल के दैनिक कार्यों को पूरा करने में साथ नहीं दे रहा था।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कोश्यारी ने कहा, ‘‘यदि मैं 24 में 16 घंटे भी काम नहीं कर पाता तो राज्यपाल के पद पर बने रहना अपराध होता।’’
राजनीतिक सरगर्मियों से भरे अपने कार्यकाल के बारे में टिप्पणी करते हुए कोश्यारी ने कहा कि वह मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के आदी हैं।
पूर्व राज्यपाल के कुछ विवादास्पद वक्तव्यों के बारे में उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे को भी लगा कि उन्होंने गलती की है तो वह उसके लिए माफी मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे। ऐसा माना जा रहा था कि कोश्यारी के कुछ बयानो से मराठी भावनाओं को ठेस पहुंची।
कोश्यारी ने एक टिप्पणी का संदर्भ देते हुए कहा कि उत्साह में कुछ बातें निकल गई थीं और यह अहसास होने के बाद कि इससे लोग आहत हुए हैं उन्होंने तुरंत माफी मांग ली।
हालांकि, कोश्यारी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज या सावित्रीबाई फुले के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि कार्यकाल पूरा होने से दो साल पहले ही राज्यपाल से इस्तीफा देना दिखाता है कि वह पैसे और सत्ता के पीछे नहीं भागते हैं।
एक सवाल के जवाब में 80 वर्षीय कोश्यारी ने कहा कि अब उनकी ‘‘ सक्रिय राजनीति’’ में वापसी की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा,‘‘हालांकि, मैं उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसकी सेवा करता रहूंगा। मैं चाहता हूं कि यह हिमालय की तरह शुद्ध और गंगा की तरह पवित्र बने।’’
कोश्यारी ने कहा, ‘‘राष्ट्र निर्माण की कोशिश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मेरा समर्थन जारी रहेगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भाजपा से दो साल पहले ही इस्तीफा दे दिया था लेकिन पार्टी में रहे बिना भी उसकी विचारधारा का अनुसरण करते हैं।
कोश्यारी ने भाजपा से मिले सम्मान और अवसर के लिए पार्टी के प्रति आभार व्यक्त किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले कोश्यारी ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ यहां तक प्रधानमंत्री ने भी धामी के लिए यह कहा है। मेरा मानना है कि वह पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि कोश्यारी अक्टूबर 2001 से मार्च 2002 में जब उत्तरखंड के मुख्यमंत्री थे, तब धामी उनके विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) थे।
भाषा धीरज माधव
माधव
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