पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने बीएमआईसी परियोजना को लेकर सिद्धरमैया सरकार की आलोचना की

पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने बीएमआईसी परियोजना को लेकर सिद्धरमैया सरकार की आलोचना की

पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने बीएमआईसी परियोजना को लेकर सिद्धरमैया सरकार की आलोचना की
Modified Date: December 24, 2025 / 09:21 pm IST
Published Date: December 24, 2025 9:21 pm IST

बेंगलुरु, 24 दिसंबर (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी देवेगौड़ा ने बुधवार को कर्नाटक सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें बीएमआईसी/एनआईसीई परियोजना को लेकर उच्चतम न्यायालय में दायर एक रिट याचिका में पक्षकार बनाया गया है, जिसकी वजह से उन्हें इस उम्र में भी कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

जनता दल (सेक्युलर) के राज्य कार्यालय जेपी भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गौड़ा ने कहा कि मुकदमे में राज्य सरकार, कुछ किसानों और उन्हें लंबे समय से लंबित परियोजना के संबंध में प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है।

गौड़ा (92) ने मुकदमेबाजी में शामिल किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘बेंगलुरु-मैसूरु अवसंरचना परियोजना के संबंध में उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है और मुझे भी उसमें पक्षकार बनाया गया है।’’

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नाइस रोड परियोजना के नाम से भी जाना जाने वाला ‘बेंगलुरु-मैसुरु इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर’ (बीएमआईसी) कर्नाटक में व्यापक एकीकृत अवसंरचना परियोजना है।

जद (एस) के वरिष्ठ नेता ने याद दिलाया कि जब उनके मुख्यमंत्री रहते हुए बीएमआईसी परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे तब वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया वित्त मंत्री थे।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं इस राज्य का मुख्यमंत्री था, तब सिद्धरमैया वित्त मंत्री थे। वित्त विभाग ने बीएमआईसी परियोजना को मंजूरी दे दी थी और एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। उनके पास उस समझौते की सभी जानकारी भी मौजूद है।’’

परियोजना के दायरे को समझाते हुए गौड़ा ने कहा कि इसमें बेंगलुरु, मांड्या और मैसुरु समेत चार जिलों में कंक्रीट की सड़कों और पांच टाउनशिप का निर्माण किया जाना शामिल है।

राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस उम्र में भी मुझे वकीलों को फीस देनी पड़ती है और अदालतों में कानूनी लडाई लड़नी पड़ती है।’’

पूर्व प्रधानमंत्री ने हालांकि कहा कि उनमें अभी भी लड़ाई लड़ने की ताकत है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझमें अब भी संघर्ष करने का जज्बा और लड़ने की ताकत है।’’

अपनी पार्टी के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए गौड़ा ने कहा कि संसद का संयुक्त सत्र 30 जनवरी से शुरू होने से पहले, जद (एस) 23 से 25 जनवरी के बीच हासन और बागलकोट में सम्मेलनों का आयोजन करेगी।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे एच. डी. कुमारस्वामी को सूचित कर दिया गया है और बैठकों में राज्य सरकार की विफलताओं और कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहते लागू की गईं कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने के मुद्दे को उजागर किया जायेगा।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने को लेकर गौड़ा ने कांग्रेस पर पाखंडपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

उन्होंने महात्मा गांधी के प्रति कांग्रेस की चिंता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या इंदिरा गांधी या राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान गांधी के पोस्टर कभी प्रमुखता से प्रदर्शित किये गये थे।

भाषा

देवेंद्र जोहेब

जोहेब


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