देशव्यापी ऑनलाइन निवेश घोटाले में चार लोग गिरफ्तार

देशव्यापी ऑनलाइन निवेश घोटाले में चार लोग गिरफ्तार

देशव्यापी ऑनलाइन निवेश घोटाले में चार लोग गिरफ्तार
Modified Date: December 24, 2025 / 06:44 pm IST
Published Date: December 24, 2025 6:44 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने देशव्यापी ऑनलाइन निवेश घोटाले के सिलसिले में चार कथित साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) की कई शिकायतों से संबंधित 7.16 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) आदित्य गौतम ने बताया कि ये गिरफ्तारियां 3 नवंबर को दर्ज किए गए एक ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी मामले की जांच के दौरान की गईं जिसमें उन्होंने दिल्ली के एक व्यक्ति से 27.2 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी।

अधिकारी के अनुसार, आरोपी एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का हिस्सा थे, जो देश भर में साइबर अपराध के 300 से अधिक शिकायतों से जुड़े धोखाधड़ी के धन को हस्तांतरित करने और उसे वैध बनाने के लिए बड़ी मात्रा में म्यूल खातों का इस्तेमाल करते थे।

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उन्होंने बताया कि एनसीआरपी पर दर्ज शिकायतों के आधार पर 7.16 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता चला है।

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि अज्ञात लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से उससे संपर्क किया और उसे फर्जी निवेश समूहों में शामिल कर लिया। इन ऑनलाइन समूहों में उसे निवेश के नाम पर भारी मुनाफे का लालच दिया गया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने उसे ‘कॉनिफर’ नामक एक फर्जी ट्रेडिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए राजी किया, जिसके माध्यम से उसे एक लॉजिस्टिक्स कंपनी के फर्जी आईपीओ में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया।

ऐप पर दिखाए गए मुनाफे को वास्तविक मानते हुए, पीड़ित ने 27.2 लाख रुपये कई लाभार्थी खातों में हस्तांतरित कर दिए।

पुलिस ने बताया कि जब उसने आगे निवेश करने से इनकार कर दिया, तो उसका ऐप फ्रीज कर दिया गया।

आगे की जांच में पता चला कि लाभार्थी खाते पुणे और हैदराबाद स्थित एक संगठित समूह द्वारा संचालित किए जा रहे म्यूल खाते थे।

डीसीपी ने बताया कि मेसर्स नेक्सस-आईएन ब्रॉडबैंड से संबंधित एक ऐसा ही खाता धोखाधड़ी से प्राप्त धन को प्राप्त करने और उसे वैध बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मुख्य चैनल के रूप में पहचाना गया।

आरोपियों की पहचान पुणे निवासी मयूर मारुति सनस और गौरव जाधव तथा हैदराबाद निवासी मोहम्मद यूसुफ अली और मोहम्मद अबरार खान के रूप में हुई है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी पुणे के एक होटल में साथ रहते थे और धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को आगे भेजने के लिए म्यूल खाते संचालित करते थे।

जांचकर्ताओं ने कहा कि ये चारों कई राज्यों में निवेश घोटालों में शामिल एक बड़े साइबर सिंडिकेट के लिए म्यूल खातों के संचालन के लिए जिम्मेदार थे।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंकिंग दस्तावेज और डिजिटल चैट बरामद किए हैं, जिनसे धोखाधड़ी की रकम के समन्वित संचालन की पुष्टि होती है।

पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान करने और अपराध से प्राप्त अतिरिक्त धनराशि का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

भाषा

राखी नरेश

नरेश


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