Sasta ho sakta hai petrol

जल्द सस्ता हो सकता है पेट्रोल! Fuel Tax में कटौती पर विचार कर सकती है सरकार

Sasta ho sakta hai petrol Fuel Tax में कटौती पर विचार कर सकती है सरकार, महंगाई पर लगाम लगाने की कवायद, इन चीजों के घटेंगे दाम

Edited By :   Modified Date:  February 17, 2023 / 04:27 PM IST, Published Date : February 15, 2023/8:34 pm IST

Sasta ho sakta hai petrol: Fuel Tax में कटौती कर भारत सरकार जनता को राहत पहुंचा सकती है। जानकारी के मुताबिक भारत सरकार खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने के बीच मक्का और ईंधन जैसी कुछ वस्तुओं पर टैक्स कटौती पर विचार कर सकती है। लगातार बढ़ती महंगाई के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार के सूत्रों ने ईंधन पर टैक्स में कटौती पर विचार के संकेत दिए हैं। सूत्रों के मताबिक फरवरी के मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।

Sasta ho sakta hai petrol: गौरतलब है कि भारत की वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर में 5.72% से बढ़कर जनवरी में 6.52% हो गई। इस सप्ताह के आंकड़े रिलीज होने के बाद समाचार एजेंसी रॉयटर्स के दो सूत्रों के हवाले से लाइव मिंट की रिपोर्ट में कहा गया कि जरूरी सामानों की बढ़ती कीमतें अधिक होने के कारण निकट भविष्य में मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है।

Sasta ho sakta hai petrol: इस मामले पर केंद्रीय बैंक और सरकार के करीबी वरिष्ठ सूत्र ने कहा, “खाद्य मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की संभावना है, दूध, मक्का और सोया तेल की कीमतें निकट भविष्य में मुद्रास्फीति की चिंता बढ़ा रही हैं।” सूत्र ने कहा, “सरकार मक्का जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करने पर विचार कर रही है, जिससे 60% बेसिक ड्यूटी मिलती है। ईंधन पर टैक्स भी फिर से कम किया जा सकता है।”

Sasta ho sakta hai petrol: रिपोर्ट में कहा गया कि कीमतों या टैक्स में कटौती के सवाल पर भारत के वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रॉयटर्स के सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया। भले ही वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हाल के महीनों में कमी और स्थिरता आई है, लेकिन ईंधन कंपनियों ने कम आयात लागत का लाभ उपभोक्ताओं या कंपनियों पर नहीं डाला। पेट्रोल-डीजल के बिजनेस में लगीं कंपनियां पिछले नुकसान की भरपाई करने की कोशिशों में जुटी हैं।

Sasta ho sakta hai petrol: रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपनी जरूरत का दो तिहाई से ज्यादा तेल आयात करता है। अगर केंद्र सरकार करों में कटौती करती है तो पंप संचालक खुदरा उपभोक्ताओं को लाभ देने की पहल कर सकते हैं। इससे मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिल सकती है।

Sasta ho sakta hai petrol: जनवरी की खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर के बाद पहली बार आरबीआई की 6% की ऊपरी लक्ष्य सीमा से ऊपर रही। 44 विश्लेषकों के रॉयटर्स पोल में 5.9% रिटेल इन्फ्लेशन का अनुमान लगाया गया था, लेकिन वास्तविक आंकड़े इससे भी बहुत अधिक थे। टैक्स में कटौती के संबंध में सरकार से जुड़े दूसरे सूत्र ने कहा, ‘हमें उनसे (केंद्रीय बैंक) कुछ सिफारिशें मिली हैं, जो सामान्य प्रक्रिया है।’

Sasta ho sakta hai petrol: उन्होंने कहा, “यह उन तरीकों में से एक है जिसमें सरकार और आरबीआई ने एक स्थिर व्यापक आर्थिक वातावरण बनाने के लिए समन्वय किया है। ईंधन और मक्का कर्तव्यों का हिस्सा हैं। हम इन पर निर्णय लेने से पहले शायद कम से कम एक और प्रिंट की प्रतीक्षा करेंगे।”

Sasta ho sakta hai petrol: पिछले हफ्ते आरबीआई की मौद्रिक नीति को आक्रामक बताया गया। इस हफ्ते की शुरुआत में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) से भी झटका लगा। एक और बार टैक्स बढ़ाने की मांग की जा रही है। हालांकि, बैंक की नजर में यह आइडिया सब लोगों का नहीं है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार, आरबीआई का निर्णय और रुख मुद्रास्फीति के आंकड़ों से सही साबित हुआ है। ऐसे में यह अनुमान लगाना उचित होगा कि अगर मुद्रास्फीति अगले कुछ महीनों में 6 फीसद के निशान से ऊपर रह सकती है।

Sasta ho sakta hai petrol: बैंक ऑफ बड़ौदा के एक नोट में मदन सबनवीस के हवाले से कहा गया कि टैक्स दरों में और वृद्धि पर विचार किया जा सकता है, हालांकि इसकी संभावना काफी कम थी। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार टैक्स कम करने पर विचार कर सकती हैं।

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