तस्करी-विरोधी विधेयक के मसौदे पर सलाह देने के लिए और समय दें : कार्यकर्ताओं ने सरकार से कहा

तस्करी-विरोधी विधेयक के मसौदे पर सलाह देने के लिए और समय दें : कार्यकर्ताओं ने सरकार से कहा

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  • Publish Date - July 14, 2021 / 11:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) कार्यकर्ताओं और सिविल सोसायटी समूहों ने सरकार से अनुरोध किया है कि मानव तस्करी-विरोधी विधेयक के मसौदे पर सलाह/टिप्पणी देने के लिए तय समय सीमा में और एक सप्ताह का विस्तार किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि मसौदे पर टिप्पणी के लिए दिया गया 10 दिन का समय इस जटिल और महत्वपूर्ण विषय के साथ न्याय नहीं करता है।

महिला और बाल विकास मंत्रालय ने मानव तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021 का मसौदा चार जुलाई को सार्वजनिक किया और संबंधित पक्षों से उसपर सलाह मांगी है। मसौदे पर सलाह देने और टिप्पणी करने की अंतिम तारीख 14 जुलाई है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को लिखे पत्र में 80 सिविल सहायता समूहों, स्वास्थ्य एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है, ‘‘फीडबैक देने के लिए मंत्रालय द्वारा तय समय विषय की जटिलता और महत्व के साथ न्याय नहीं कर सकता है।’’

कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी चिंता है कि विधेयक का मसौदा देह व्यापार के लिए व्यक्ति की तस्करी की ओर इंगित करता है, जिसका समाज पर व्यापक प्रभाव होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सदस्य, साझेदार सरकार को सलाह देने या कोई टिप्पणी करने से पहले विधयेक और उसके प्रावधानों को अच्छे से पढ़ना और समझना चाहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय द्वारा दी गई समय सीमा के कारण हमें अपने समूहों और नेटवर्क के साथ इस संबंध में विचार और चर्चा करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि हमारा नेटवर्क ऐसे शहरों और कस्बों में भी है जहां महामारी के कारण अभी भी लॉकडाउन या कड़ी पाबंदियां लगी हुई हैं। चूंकि विधयेक का मसौदा सिर्फ अंग्रेजी में उपलब्ध है, हमें उसे क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए भी समय चाहिए।’’

विधेयक के मसौदे में तस्करी के बिगड़े हुए स्वरुप के लिए गंभीर सजाओं का प्रावधान है।

भाषा अर्पणा माधव

माधव