गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: पंजीकृत मालिक ने ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती दी, पुलिस उसे बचा रही है: आप

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: पंजीकृत मालिक ने ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती दी, पुलिस उसे बचा रही है: आप

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: पंजीकृत मालिक ने ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती दी, पुलिस उसे बचा रही है: आप
Modified Date: December 8, 2025 / 09:50 pm IST
Published Date: December 8, 2025 9:50 pm IST

पणजी, आठ दिसंबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को गोवा पुलिस पर उस नाइट क्लब के पंजीकृत मालिक का नाम प्राथमिकी में नहीं दर्ज करके उसे बचाने का आरोप लगाया, जहां भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी।

आप की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पालेकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए दावा किया कि 2024 में, अरपोरा-नागोआ पंचायत ने दस्तावेजों के अनुसार संपत्ति के मालिक सुरिंदर कुमार खोसला को नाइट क्लब, ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ को ध्वस्त करने के लिए नोटिस दिया था।

हालांकि, पुलिस ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

 ⁠

पालेकर ने कहा कि स्थानीय व्यक्ति प्रदीप घाडी अमोनकर द्वारा पंचायत में खोसला के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया गया था।

उन्होंने दावा किया कि 2023 में अमोनकर द्वारा संरचना के खिलाफ दी गई शिकायत में नाइट क्लब में किसी बड़े हादसे की आशंका का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था।

गोवा पुलिस ने शनिवार देर रात उत्तरी गोवा के अरपोरा गांव स्थित नाइट क्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में लगी आग के सिलसिले में क्लब के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने क्लब के मुख्य महाप्रबंधक राजीव मोदक, महाप्रबंधक विवेक सिंह, बार प्रबंधक राजीव सिंघानिया और गेट मैनेजर रियांशु ठाकुर को हिरासत में ले लिया है।

पालेकर ने दावा किया कि 2024 में, स्थानीय पंचायत ने खोसला को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था, लेकिन उन्होंने ढांचा नहीं गिराया और इसके बजाय पंचायत निदेशालय से संपर्क करके आदेश पर स्थगन प्राप्त कर लिया।

तत्कालीन पंचायत निदेशक सिद्धि हलर्नकर उन तीन अधिकारियों में से एक हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने रविवार को निलंबित कर दिया।

आप नेता ने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में खोसला का नाम नहीं है, जबकि क्लब मालिकों – सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा – के नाम दर्ज हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि खोसला की जड़ें ब्रिटेन में हैं और जांच से बचने के लिए वह देश छोड़ सकते हैं और उनके खिलाफ तत्काल जांच किया जाना जरूरी है।

संपर्क करने पर, पुलिस अधिकारियों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम मामले की जांच कर रहे हैं और इस समय हम कोई बयान नहीं देना चाहते।’

भाषा अमित दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में