सरकार ने किसान नेताओं को तीन कृषि कानूनों को स्थगित करने संबंधी प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा

सरकार ने किसान नेताओं को तीन कृषि कानूनों को स्थगित करने संबंधी प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा

सरकार ने किसान नेताओं को तीन कृषि कानूनों को स्थगित करने संबंधी प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: January 22, 2021 10:57 am IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) किसान यूनियनों ने शुक्रवार को सरकार से कहा कि वे चाहते हैं कि तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द किया जाये। केन्द्र सरकार ने हालांकि किसान नेताओं से 12-18 महीनों तक इन कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित रखने संबंधी उसके प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के लिए कहा।

लगभग दो महीने से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों के बीच आज 11वें दौर की बातचीत हुई।

बुधवार को हुई बातचीत के पिछले दौर में सरकार ने तीन कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित रखने और समाधान निकालने के लिए एक संयुक्त समिति बनाने की पेशकश की थी। हालांकि बृहस्पतिवार को विचार-विमर्श के बाद किसान यूनियनों ने इस पेशकश को खारिज करने का फैसला किया और वे इन कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिये जाने की अपनी दो प्रमुख मांगों पर अड़े रहे।

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किसान नेता दर्शन पाल ने वार्ता के पहले सत्र के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने सरकार से कहा कि हम कानूनों को निरस्त करने के अलावा किसी और चीज के लिए सहमत नहीं होंगे। लेकिन मंत्री ने हमें अलग से चर्चा करने और मामले पर फिर से विचार कर फैसला बताने को कहा।’’

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘ हमने अपनी स्थिति सरकार को स्पष्ट रूप से बता दी कि हम कानूनों को निरस्त करना चाहते हैं न कि स्थगित करना। मंत्री (नरेन्द्र सिंह तोमर) ने हमें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा।’’

भाषा

देवेंद्र मनीषा

मनीषा


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