Shop Opening-Closing Timing: दुकानों की टाइमिंग को लेकर बड़ी खबर, दोपहर दो बजे तक ही खुलें रहेंगे बाजार, नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई, आदेश जारी
दुकानों की टाइमिंग को लेकर बड़ी खबर, दोपहर दो बजे तक ही खुलें रहेंगे बाजार, Government Issues Order to Open Shop till 2 PM Every Day
इंफालः Order to Open Shop till 2 PM Every Day कई कोशिशों के बाद भी भारत के पूर्वोतर राज्य मणिपुर में हालाक सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार प्रदर्शन और हिंसा की खबरें सामने आ रही है। यहीं वजह है कि प्रदेश के कई जिलों में अब कर्फ्यू लगाया गया है। इसी बीच अब कर्फ्यू से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रशासन ने चार जिलों में कर्फ्यू में नौ घंटे की राहत दी है। दरअसल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर में शनिवार (13 सितंबर, 2024) को महिलाओं के प्रदर्शन के बाद कर्फ्यू बढ़ा दिया गया था। हालात सामान्य होने के बाद एक बार फिर प्रशासन ने कर्फ्यू में छूट दी है। इस संबंध में संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों ने आदेश जारी कर दिया है।
Order to Open Shop till 2 PM Every Day कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सुबह 5 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। यानी दोपहर दो बजे तक ही सभी दुकानें खुली रहेंगी। इसके बाद दुकानें बंद रहेगी। 9 घंटे की इस अवधि में आम आदमी अपने जरूरत की वस्तुएं खरीद सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अधिकारियों की मंजूरी के बिना किसी भी सभा, धरना, प्रदर्शन, रैलियां आदि की अनुमति नहीं दी जाएगी। इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर और थौबल में सुबह 5 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू में ढील रहेगी। कर्फ्यू में ढील के फैसले के बाद लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है।
इधर, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक जांच आयोग को मणिपुर में सिलसिलेवार हिंसा की उसकी जांच की रिपोर्ट सौंपने के लिए 20 नवंबर तक का समय दिया। मणिपुर में हिंसा से अब तक 220 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन तीन जून, 2023 को किया गया था। आयोग में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी हिमांशु शेखर दास और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी आलोक प्रभाकर भी शामिल हैं। आयोग को तीन मई, 2023 से मणिपुर के विभिन्न समुदायों के सदस्यों को निशाना बनाकर हुई हिंसा और दंगों के कारणों और इसके प्रसार के संबंध में जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था।

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