सरकार ने थिंक टैंक की सावधि जमा का उपयोग करने संबंधी याचिका का विरोध किया

सरकार ने थिंक टैंक की सावधि जमा का उपयोग करने संबंधी याचिका का विरोध किया

सरकार ने थिंक टैंक की सावधि जमा का उपयोग करने संबंधी याचिका का विरोध किया
Modified Date: October 10, 2023 / 09:21 pm IST
Published Date: October 10, 2023 9:21 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) केंद्र ने संगठन ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) द्वारा दायर उस याचिका का मंगलवार को विरोध किया जिसमें उसने अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए सावधि जमा के अपने कोष के एक हिस्से का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है।

सीपीआर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद के समक्ष तर्क दिया कि विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार, जब पंजीकरण प्रमाणपत्र निलंबित कर दिया जाता है, तो ‘अप्रयुक्त राशि का 25 प्रतिशत तक’-संगठन के पास पड़ी हुई राशि को कुछ उद्देश्यों के लिए खर्च किया जा सकता है।

संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि 200 कर्मचारी हैं जिनके वेतन का भुगतान किया जाना है।

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केंद्र के वकील के यह कहे जाने पर कि सावधि जमा की राशि ‘अप्रयुक्त राशि’ के रूप में योग्य नहीं है, अदालत ने पूछा कि यदि याचिकाकर्ता के अनुरोध को मान लिया जाता है तो अधिकारियों पर क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

वकील ने कहा कि ‘अप्रयुक्त राशि’ की परिभाषा को बदलने से ‘बड़े प्रभाव’ होंगे।

अदालत मामले में अगली सुनवाई बुधवार को करेगी।

सीपीआर ने कानूनों के कथित उल्लंघन पर अपने एफसीआरए लाइसेंस के निलंबन को चुनौती देते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का रुख किया था।

केंद्र ने 27 फरवरी को संगठन के एफसीआरए लाइसेंस को निलंबित कर दिया था। मार्च में, सीपीआर ने अधिकारियों को एक आवेदन दिया और अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए अपने कोष का 25 प्रतिशत जारी करने की मांग की।

याचिका के जवाब में, केंद्र ने आरोप लगाया है कि सीपीआर ‘जिस उद्देश्य के लिए पंजीकृत किया गया था उसके अलावा अन्य उद्देश्यों’ के साथ ही ‘अवांछनीय उद्देश्यों’ के लिए विदेशी अंशदान प्राप्त कर रहा था और उसका उपयोग कर रहा था।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव


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