Teachers new transfer policy: अब 5 नहीं हर 3 साल में हो सकेगा सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर.. कैबिनेट की मीटिंग में 27 प्रस्तावों पर लगी मुहर, पढ़े सभी प्रस्ताव..

government teachers can be transferred within 3 years प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित करने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत इनका विकास करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। वहीं कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के तहत 300 करोड़ के निवेश प्रोत्साहन प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।

Teachers new transfer policy: अब 5 नहीं हर 3 साल में हो सकेगा सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर.. कैबिनेट की मीटिंग में 27 प्रस्तावों पर लगी मुहर, पढ़े सभी प्रस्ताव..

CG Teacher Recruitment Latest Update. Image Source-IBC24 Archive

Modified Date: November 5, 2024 / 05:50 pm IST
Published Date: November 5, 2024 5:50 pm IST

government teachers can be transferred within 3 years: लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक आहूत की थी जिसमें मंत्रिपरिषद ने 27 प्रस्तावों पर अपनी सहमति प्रदान की हैं। इनमें सबसे अहम फैसला सरकारी शिक्षकों के ट्रांसफर से जुड़ा हुआ है। दरअसल पहले सरकारी शिक्षकों को एक ही जगह पर कम से कम पांच वर्षों तक सेवा देना होता था लेकिन सरकार ने इस नीति में बड़ा बदलाव करते हुए इसकी अनिवार्यता घटा कर तीन साल कर दी है।

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मंत्रीमंडल की बैठक में इसके अलावा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई, जिससे अन्य प्रदेशों के शिक्षण संस्थानों को उत्तर प्रदेश में अपने संस्थान स्थापित करने का मौका मिलेगा। लखनऊ में अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए लखनऊ के सरोजिनी नगर तहसील के चकरौली परगना बिजनौर में भूमि की पहचान कर इसे मंजूरी दी गई है।

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government teachers can be transferred within 3 years: वित्त विभाग की ओर से रिटायर्ड राज्य कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अभी तक कोई रिटायर्ड कर्मचारी अपने नॉमिनी या वारिस को छोड़कर नहीं जाता है, तो उसकी ग्रेच्युटी का पैसा सरकार में समाहित होता था। नए संशोधन के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है, तो उसे यह पैसा दे दिया जाएगा।

जलशक्ति विभाग की ओर से, कैबिनेट ने मध्य गंगा नहर परियोजना के दूसरे चरण के पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिससे संभल, अमरोहा और मुरादाबाद के लगभग 1850 गांवों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा, ललितपुर में भौरट बांध परियोजना के दूसरे पुनरीक्षित प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली है। साथ ही, केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिली है, जिससे बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को राहत मिलेगी और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

government teachers can be transferred within 3 years: प्रदेश में पशु चिकित्सकों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से पशुपालन पाठ्यक्रम के तहत डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की नीति को मंजूरी दी गई है। वहीं कैबिनेट ने 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश शीरा नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह नीति 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक लागू रहेगी। इसके अंतर्गत 19% शीरा रिजर्वेशन की भी स्वीकृति दी गई है।

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जनपद बागपत में अंतरराष्ट्रीय योग और आरोग्य केंद्र की स्थापना हेतु प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत बागपत तहसील के ग्राम हरियाखेवा में 1।069 हेक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग को निशुल्क ट्रांसफर किया जाएगा। इससे योग और आरोग्य के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के स्वास्थ्य पर्यटन क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी।

government teachers can be transferred within 3 years: प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित करने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत इनका विकास करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। वहीं कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के तहत 300 करोड़ के निवेश प्रोत्साहन प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। माना जा रहा है, इससे राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।

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