हथियार रखने के लिए आदिवासियों को लाइसेंस देगी सरकार, सीएम ने खुद किया ऐलान, इस वजह से लिया गया बड़ा फैसला

हथियार रखने के लिए आदिवासियों को लाइसेंस देगी सरकार, Government will give license to tribes to keep weapons

हथियार रखने के लिए आदिवासियों को लाइसेंस देगी सरकार, सीएम ने खुद किया ऐलान, इस वजह से लिया गया बड़ा फैसला

Bilaspur Crime News/ Image Credit: IBC24 File Photo

Modified Date: May 29, 2025 / 12:05 am IST
Published Date: May 28, 2025 7:59 pm IST

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि सरकार (सुरक्षा की दृष्टि से) ‘‘संवदेनशील और दूरदराज’’ के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी लोगों को शस्त्र लाइसेंस देगी ताकि उनमें सुरक्षा की भावना पैदा हो। शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की ‘‘मांग’’ पर विचार के मद्देनजर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

Read More : Israel Hamas War: ‘मारा गया हमास चीफ मोहम्मद सिनवार’.. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दी जानकारी, कह दी ये बड़ी बात 

उन्होंने कहा, ‘‘असम एक बहुत ही अलग और संवेदनशील राज्य है। कुछ क्षेत्रों में रहने वाले असमिया लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और वे लंबे समय से शस्त्र लाइसेंस की मांग कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पात्र लोगों को लाइसेंस देने में उदारता बरतेगी, जो मूल निवासी होने चाहिए और राज्य के (सुरक्षा की दृष्टि से) ‘‘संवदेनशील और दूरदराज’’ के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदाय से संबंधित होने चाहिए।

 ⁠

Read More : Sukhdev Singh Dhindsa Passed Away: पूर्व केंद्रीय मंत्री का निधन, लंबे समय से थे बीमार, राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर

शर्मा ने कहा कि इस श्रेणी में धुबरी, मोरीगांव, बारपेटा, नगांव और दक्षिण सलमारा-मनकाचर जिले शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इन जगहों पर हमारे लोग अल्पसंख्यक हैं।’’


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।