सरकार के नीतिगत फैसलों का मनरेगा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा : माकपा

सरकार के नीतिगत फैसलों का मनरेगा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा : माकपा

सरकार के नीतिगत फैसलों का मनरेगा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा : माकपा
Modified Date: August 30, 2023 / 10:46 pm IST
Published Date: August 30, 2023 10:46 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार की कई नीतियों का महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगारी गारंटी अधिनियम (मनरेगा) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

करात ने पत्र में कहा है कि उनकी यह चिंता है कि इन नीतियों के कारण श्रमिकों के अधिकार बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मनरेगा के सिलसिले में सरकार के कई नीतिगत फैसलों के नकारात्मक प्रभाव की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करने के लिए यह पत्र लिखा है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि श्रमिकों के अधिकारों से समझौता किया जा रहा है।’’

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माकपा नेता ने कहा कि इस योजना के लिए निधि का आवंटन अपर्याप्त है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए करात ने कहा कि मनरेगा के तहत योजना के लिए आवंटित 90 प्रतिशत निधि पहले ही खर्च की जा चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी, औसत कार्यदिवस महज 35.4 दिन है। ऐसी स्थिति में मनरेगा श्रमिक अत्यधिक समस्याओं का सामना करेंगे।’’

उन्होंने एक संगठन द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि 26 करोड़ रोजगार कार्ड धारक में से 41.1 प्रतिशत अब भी आधार नंबर के जरिये पारिश्रमिक पाने के लिए पात्र नहीं हैं।

भाषा सुभाष देवेंद्र

देवेंद्र


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