आश्वासन के बाद भी मतदाता पहचान पत्र संख्या के दोहराव मुद्दे पर चर्चा नहीं करा रही है सरकार: तृणमूल

आश्वासन के बाद भी मतदाता पहचान पत्र संख्या के दोहराव मुद्दे पर चर्चा नहीं करा रही है सरकार: तृणमूल

  •  
  • Publish Date - March 27, 2025 / 04:16 PM IST,
    Updated On - March 27, 2025 / 04:16 PM IST

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि मतदाता पहचान पत्र संख्या (ईपीआईसी) के दोहराव का मुद्दा ‘लोकतंत्र से जुड़ा हुआ है’ और सरकार संसद में इस पर चर्चा कराए जाने की विपक्षी दलों की मांग की अनदेखी कर रही है।

एक ही ईपीआईसी नंबर के साथ विभिन्न राज्यों से मतदाता पहचान-पत्र की सूची प्रस्तुत करने वाली तृणमूल कांग्रेस कुछ अन्य विपक्षी दलों के साथ इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग कर रही है।

संसद परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की उपनेता सागरिका घोष ने कहा कि उनकी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर नोटिस देते रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह एक गंभीर मामला है, जिस पर संसद में चर्चा की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से हम नोटिस दे रहे हैं और डुप्लीकेट ईपीआईसी कार्ड के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे चर्चा की अनुमति देंगे। सभापति महोदय ने हमें आश्वासन दिया है कि वह चर्चा की अनुमति देंगे। लेकिन हर दिन किसी न किसी बहाने इस चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप पहले ही कह चुके हैं कि इस मुद्दे पर चर्चा होगी तो फिर अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।’’

घोष ने कहा कि यह मुद्दा लोकतंत्र से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्वच्छ एवं निष्पक्ष मतदाता सूची के बारे में है, यह एक स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव के बारे में है। यह प्रत्येक मतदाता, नागरिक और पूरे देश से जुड़ा हुआ है।’’

घोष ने कहा कि विपक्षी दलों में इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने को लेकर आम राय है लेकिन ‘किसी न किसी बहाने से’ सरकार चर्चा से भाग रही है।

तृणमूल के सदस्य संसद के दोनों सदनों में ईपीआईसी नंबर मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दे रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई भी स्वीकार नहीं किया गया है।

पार्टी ने सभापति से नियम 176 के तहत चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया है। इस नियम के तहत अल्पकालिक चर्चा का प्रावधान है।

तृणमूल के मोहम्मद नदीमुल हक, सागरिका घोष, डोला सेन, रीताब्रत बनर्जी और साकेत गोखले ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी।

बनर्जी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम लगातार नोटिस दे रहे हैं कि ईपीआईसी मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। यदि डुप्लीकेट ईपीआईसी कार्ड हों तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। विपक्ष संसद में चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 27 फरवरी को विभिन्न राज्यों में फर्जी नंबर वाले मतदाता पहचान पत्र का मुद्दा उठाया था।

निर्वाचन आयोग ने अगले तीन महीनों में इस मामले को निपटाने का आश्वासन दिया है। आयोग ने कहा है कि ‘डुप्लीकेट’ नंबर का मतलब जरूरी नहीं कि फर्जी मतदाता ही हों।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र माधव

माधव