सरकार को किसानों के साथ बातचीत करने के लिए सकारात्मक महौल बनाना चाहिए : पंधेर
सरकार को किसानों के साथ बातचीत करने के लिए सकारात्मक महौल बनाना चाहिए : पंधेर
(तस्वीरों के साथ)
चंडीगढ़, 14 फरवरी (भाषा) किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि कृषक अपनी मांगों को लेकर केंद्र से बातचीत के लिए आने वाले किसी भी प्रस्ताव पर विचार करेंगे लेकिन संवाद के लिए सकारात्मक महौल बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह न्यूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाएं।
पंधेर ने कहा, ‘‘ कहा जाता है कि आपका (मोदी) दिल बड़ा है। हमें एमएसपी की गारंटी का कानून दीजिए।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या किसानों को बातचीत का कोई न्योता मिला है तो उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए किसानों को आमंत्रित किया है।
अंबाला के नजदीक शंभू बॉर्डर पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम न्योते पर विचार करेंगे।’’
केंद्रीय कृषि मंत्री अुर्जन मुंडा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से मंगलवार को कहा था कि एमएसपी की गारंटी संबंधित कानून सभी हितधारकों से चर्चा किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जाएगा। उन्होंने किसान संगठनों से आह्वान किया कि वे सरकार के साथ इस मुद्दे पर विषय केंद्रित बातचीत करें।
पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर भी केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कई कृषक घायल हो गए हैं।
किसान नेता ने कहा, ‘‘इसके बावजूद हम नहीं कहेंगे कि हम बातचीत नहीं करना चाहते हैं लेकिन सरकार से अपील करते हैं कि सकारात्मक माहौल बनाने के लिए यह सब बंद करें। हम कल भी बातचीत को तैयार थे और आज भी तैयार हैं।’’
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अंबाला के नजदीक शंभू बॉर्डर के पास बुधवार की सुबह ‘दिल्ली चलो’ मार्च को फिर से शुरू करने के लिए एकत्र किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
किसानों की हरियाणा की दो सीमा चौकियों पर मंगलवार को राज्य पुलिस के साथ झड़प हुई थी और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी कूच करने से रोकने के लिए तब आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें छोड़ी गईं जब उन्होंने अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की।
खबरों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि किसानों की मांगें बढ़ती जा रही है। इस बारे में पूछे जाने पर पंधेर ने कहा कि किसानों की केवल एक मांग है।
किसान नेता ने कहा कि सरकार न तो उनकी मांग मान रही है और न ही उन्हें अपनी मांग रखने के लिए दिल्ली कूच करने दे रही है।
ठाकुर ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों से अपनी मांगों पर सरकार के साथ फिर से बातचीत में शामिल होने की अपील की थी और कहा था कि हिंसा और बर्बरता उनकी समस्याओं का समाधान नहीं है।
किसान नेता ने कहा कि उनके प्रदर्शन का उद्देश्य है कि उनकी मांग स्वीकार कर ली जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार के साथ कोई संघर्ष करने नहीं आए हैं।’’
पंधेर ने कहा कि उन्हें ‘वाम समर्थक’, ‘कांग्रेस समर्थक’ और ‘पंजाब सरकार समर्थक’ करार दिया जा रहा है लेकिन ‘ऐसा कुछ नहीं हैं, हम देश के किसान और खेतिहर मजदूर हैं जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।’’
भाषा धीरज नरेश
नरेश

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