Gratuity Calculation: एक साल की नौकरी पर मिलेगी ग्रेच्युटी, नहीं करना होगा पांच साल का इंतजार, जानें पूरी जानकारी और आसान फार्मूला

Gratuity Calculation: एक साल की नौकरी पर मिलेगी ग्रेच्युटी, नहीं करना होगा पांच साल का इंतजार, जानें पूरी जानकारी और आसान फार्मूला

Gratuity Calculation: एक साल की नौकरी पर मिलेगी ग्रेच्युटी, नहीं करना होगा पांच साल का इंतजार, जानें पूरी जानकारी और आसान फार्मूला

Gratuity Calculation

Modified Date: November 24, 2025 / 05:18 pm IST
Published Date: November 24, 2025 5:18 pm IST
HIGHLIGHTS
  • अब सिर्फ 1 साल नौकरी करने पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा
  • फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों जैसे सभी फायदे मिलेंगे
  • ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का सरल फॉर्मूला लागू रहेगा

नई दिल्ली: Gratuity Calculation पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने श्रम कानूनों में बड़े बदलाव किए। जिसमें ग्रेच्युटी को लेकर सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक लागू कर दिया है। पहले ग्रेच्युटी पाने के लिए किसी भी कर्मचारियों को पांच साल तक काम करने की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब सरकार ने इस कानून को बदलकर एक साल कर दिया है। इसके तहत केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने 29 श्रम कानूनों को महज 4 कोड तक सीमित किया है। श्रम कानून में लागू किए गए सुधारों में एक अहम बदलाव ग्रेच्युटी पर हुआ है। इसके तहत अब एक साल की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकेगा।

Gratuity Calculation लेबर मिनिस्ट्री के मुताबिक, इन नए कोड से देश के सभी श्रमिकों (अनौपचारिक सेक्टर, गिग वर्कर्स, प्रवासी मजदूरों और महिलाओं समेत) बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य-सुरक्षा की गारंटी मिलेगी।

लेबर एक्ट में लागू किए जा रहे सुधारों में Gratuity Rule इसलिए भी खास हो जाता है, क्योंकि अब तक आमतौर पर किसी भी संस्थान में लगातार 5 साल की नौकरी पूरी करने के बाद इसका लाभ मिलता था, लेकिन सरकार ने अब साफ कर दिया है कि फिक्‍स्‍ड टर्म कर्मचारियों (FTE) को पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा और महज एक साल काम करने के बाद ही ग्रेच्‍युटी का लाभ मिल सकेगा।

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नए नियमों में ये साफ किया गया है कि Fixed-Term Employees को पर्मानेंट एंप्लाई से जुड़े सभी तरह के फायदे मिलेंगे, जिनमें छुट्टी से लेकर मेडिकल और सोशल सिक्योरिटी तक शामिल हैं। इन्हें पर्मानेंट स्टाफ के बराबर सैलरी देने के साथ ही प्रोटेक्शन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का उद्देश्य कॉन्ट्रैक्ट पर काम कम करने के साथ डायरेक्ट हायरिंग को बढ़ावा देना है।

Rule Change For Gratuity, जानें क्या होती है ग्रेच्युटी?

दरअसल, Gratuity किसी भी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को एक तरह से उनके काम के बदले दिया जाने वाला गिफ्ट जैसा होता है। जो अब तक एक संस्थान में 5 साल काम करने के बाद बनती थी, लेकिन अब एक साल में बनेगी। कर्मचारियों के लिए आर्थिक तौर पर ये एक बड़ा सहारा साबित होती है, क्योंकि उन्हें कंपनी छोड़ने या फिर रिटायर होने पर ग्रेच्‍युटी की पूरी रकम एकमुश्‍त दी जाती है।

बता दें कि देश में सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड, बंदरगाहों और रेलवे पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। अब तक ये उम्मीद जताई जा रही थी कि ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबिलिटी लिमिट को सरकार पांच साल से घटाकर 3 साल करने पर विचार कर रही है, लेकिन सरकार की ओर से कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए इसे महज 1 साल न्यूनतम कर दिया गया है।

जानें किस तरह करते हैं Gratuity का कैलकुलेशन

आपको बता दें कि ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का तरीका बेहद ही सरल होता है और आप एक फॉर्मूले के तहत पता कर सकते हैं कि आपकी ग्रेच्युटी कितनी बन रही है। Gratuity Fund की गणना में निकालने के लिए, (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया) वाला फॉर्मूला लागू किया जाता है।

अब मान लीजिए आपने किसी कंपनी में 5 साल तक काम किया है। आपकी लास्ट पे (Basic Pay+DA) 50000 रुपये है, तो कैलकुलेशन (50000) x (15/26) x (5) के = 1,44,230 रुपये होगा।


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IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।