हरित अधिकरण ने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति बेरुखी के लिए एनएचएआई की आलोचना की

हरित अधिकरण ने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति बेरुखी के लिए एनएचएआई की आलोचना की

हरित अधिकरण  ने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति बेरुखी के लिए एनएचएआई की आलोचना की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: December 4, 2020 12:33 pm IST

नयी दिल्ली,चार दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति बेरुखी के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि वाहन प्रदूषण के विपरीत प्रभावों को कम करने के लिए राजमार्ग के दोनों ओर पेड़ पौधे लगाना बेहद जरुरी हैं।

एनजीटी ने कहा कि एनएचएआई का यह कहना कि कंशेसनर्स सड़कों का निर्माण करते हैं और कानून का पालन उनकी जिम्मेदारी है, स्पष्ट रुप से अनुचित है और बेरुखी दिखाता है,लोगों के भरोसे और अनिवार्य कर्तव्यों से विमुख होना दिखाता है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने कहा, ‘‘ अगर एनएचएआई अपनी गतिविधियों के लिए एजेंटों को काम पर रखती है तो मूल व्यक्ति की जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती। एनएचएआई और उसके शीर्ष अधिकारियों की आपराधिक तथा नागरिक जिम्मेदारी पर पर्यावरण कानून के तहत मुकदमा चलाने और जुर्माना देने की जरूरत है। इस प्रकार के अपरिहार्य कर्तव्य को इस तरह की दलील पर नहीं छोड़ा जा सकता कि काम के लिये ठेकेदार रखा जा रहा है। ’’

 ⁠

गोयल ने कहा,‘‘ बल्कि जन प्राधिकरण होने के नाते इस प्रकार की याचिका को स्वीकार करना जिम्मेदारी का आभाव अथवा कानून का ज्ञान नहीं होना दिखाता है। जन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले पर्यावरण के मुद्दों के प्रति एक जन प्राधिकरण की बेरुखी को किसी भी हाल में प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता।’’

एनजीटी ने कहा कि एनएचएआई और राष्ट्रीय राजमार्ग एंव अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड को पर्यावरण नियमों का पालन सुनिश्चित करने का रोल मॉडल होना चाहिए।

अधिकरण एक गैर सरकारी संगठन ‘सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ कल्चर, हेरिटेज, एनवॉयरमेंट, ट्रेडिशन्स एंड प्रमोशन ऑफ नेशनल अवेयरनेस की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

भाषा

शोभना उमा अनूप

अनूप


लेखक के बारे में