दाहोद, 17 मई (भाषा) गुजरात सरकार में मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़ को 71 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि इस घोटाले में कुछ अनुबंधित एजेंसियों ने काम पूरा किए बिना या सामान की आपूर्ति किए बिना सरकार से भुगतान प्राप्त किया।
पुलिस ने दाहोद जिले में तत्कालीन तालुका विकास अधिकारी (टीडीओ) दर्शन पटेल को भी गिरफ्तार किया है, जिससे मामले के संबंध में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या सात हो गई है।
देवगढ़बरिया निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बच्चूभाई खाबड़ प्रदेश सरकार में पंचायत एवं कृषि मंत्री हैं।
पुलिस ने बताया कि कथित घोटाले में 35 एजेंसियों के मालिकों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत भुगतान प्राप्त करने के लिए फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र और अन्य दावे पेश कर 2021 और 2024 के बीच 71 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बलवंत खाबड़ इनमें से एक एजेंसी के मालिक हैं और उन पर आदिवासी बहुल दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया और धनपुर तालुका के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों में धोखाधड़ी करने का आरोप है। पुलिस उपाधीक्षक और जांच अधिकारी जगदीशसिंह भंडारी ने बताया, “दाहोद पुलिस ने जिले में मनरेगा घोटाले के सिलसिले में बच्चूभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़ और तत्कालीन टीडीओ दर्शन पटेल को गिरफ्तार किया है। हमने पहले पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।”
जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) द्वारा 71 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा किए जाने के बाद पुलिस ने पिछले महीने सरकारी कर्मचारियों सहित अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और विश्वासघात के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्राथमिकी में बताया गया कि जगहों का मुआयना करने के दौरान आरडीए अधिकारियों ने पाया कि ठेकेदारों को उन सड़कों के लिए भुगतान किया गया था, जो बनी ही नहीं थीं लेकिन भुगतान प्राप्त करने के लिए कागजों पर उन्हें पूरा दिखाया गया था।
सौंपे गए कार्यों में जनवरी 2021 से दिसंबर 2024 के बीच दाहोद की दो तालुकाओं में सड़कें, ‘चेक वॉल’ और पत्थर के बांध बनाना शामिल है।
पुलिस ने बताया कि सामग्री की आपूर्ति के लिए अयोग्य एजेंसियों या उन लोगों को भी भुगतान किया गया, जिन्होंने निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लिया था।
पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच जारी है।
भाषा जितेंद्र माधव
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