The investigation team formed for the Gujarat bridge accident had exposed the deficiencies in the maintenance of the bridge.
गुजरात मोरबी केबल पुल हादसे का जीन एक बार फिर बाहर आया है। इस बार पुल हादसे के मामले में पुल के मेंटनेंस, रिन्युअल और ऑपरेशन जिम्मेदारी रखने वाली कंपनी ओरेवा कंपनी के एमडी जयसुख पटेल के खिलाफ पुलिस ने रविवार को अरेस्ट वारंट जारी किया हैं। इससे पहले उन्होंने गिरफ्तारी से बचने कोर्ट के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाईं थी।
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बता दें की पिछले साल के 30 अक्टूबर को गुजरात में एक छठ पर्व के दौरान भयावह हादसा सामने आया था। यहाँ मोरबी के मिच्छु नदी पर बना केबल पुल लोगो का वजन सह नहीं पाया और टूट कर नदी में जा गिरा। इस भीषण हादसे में आधिकारिक तौर पर 14 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। बता दें की जयसुख पटेल अजंता ओरेवा समूह के प्रमोटर भी हैं। गुजरात पुलिस ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट निकालने के साथ ही एक लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है। ब्रिटिश कालीन झूला पुल के संचालन और प्रबंधन के लिए उनकी कंपनी जिम्मेदार थी।
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हादसे के बाद सरकार ने फौरन एक एसआईटी का भी गठन किया था। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था की रखरखाव का जिम्मा उठाने वाली कंपनी ने पुल को खोलने से पहले उसकी भार क्षमता की जांच नहीं की थी। इसके अलावा जांच में पुल के कई पुर्जो में भी एसआईटी ने खामी का पता लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद ने कंपनी के कई पदाधिकारियों को हिरासत में लिया गया था। वही अब कंपनी के एमडी पर भी गिरफ्तारी कोई तलवार लटक रही हैं।
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