Haji Malang Dargah: ‘मैं तब तक चुप नहीं बैठूंगा, जब तक..’, इस दरगाह में मंदिर होने का दावा, सीएम ने जल्द मुक्त कराने की कही बात
Haji Malang Dargah: 'मैं तब तक चुप नहीं बैठूंगा, जब तक..', इस दरगाह में मंदिर होने का दावा, सीएम ने जल्द मुक्त कराने की कही बात Haji Malang Dargah Maharashtra
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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित प्रसिद्ध हाजी मलंग दरगाह में मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस दरगाह के अंदर गुरु मछिंद्रनाथ का मंदिर है। वहीं, अब यह मामला राजनीतिक रूप लेने लगा है। इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा बयान दिया है। सीएम ने हाजी मलंग दरगाह को ‘मुक्त’ करने की बात कही है। बता दें कि हाजल मलंग दरगाह एक ऐसी जगह जिस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों दावा करते हैं।
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे जिले में ‘मलंगगढ़ हरिनाम महोत्सव’ में अपने संबोधन के दौरान कहा, कि ‘मलंगगढ़ के प्रति आपकी भावनाएं मुझे भली-भांति ज्ञात हैं। यह आनंद दिघे ही थे जिन्होंने मलंगगढ़ के मुक्ति आंदोलन की शुरुआत की, जिससे हमने ‘जय मलंग श्री मलंग’ का जाप शुरू किया। हालांकि, मुझे आपको बताना होगा कि कुछ ऐसे मामले होते हैं जिनकी सार्वजनिक चर्चा नहीं की जाती। मैं मलंगगढ़ की मुक्ति के बारे में आपकी गहरी धारणाओं से अवगत हूं। सीएम ने कहा, कि मैं यह बता दूं कि एकनाथ शिंदे तब तक चुप नहीं बैठेगा, जब तक वह आपकी इच्छाएं पूरी नहीं कर देता।
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बता दें कि हाजी मलंग दरगाह मलंगगाड पश्चिमी घाट की प्रकृति से समृद्ध सह्याद्री पहाड़ी श्रृंखला पर ठाणे-रायगढ़ बेल्ट में फैली माथेरान पहाड़ी श्रृंखला पर स्थित है। यहां सूफी संत हाजी अब्द-उल-रहमान की दरगाह है जिसे हाजी मलंग बाबा के नाम से जाना जाता है। कई दक्षिणपंथी समूह इसे नाथ पंथ के नवनाथ के अवतार श्री मछिंद्रनाथ का मंदिर होने का दावा करते हैं। वहीं, यह दरगाह करीब 800 साल पुरानी है।

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