हरियाणा विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज, विपक्ष ने बहिर्गमन किया

हरियाणा विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज, विपक्ष ने बहिर्गमन किया

हरियाणा विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज, विपक्ष ने बहिर्गमन किया
Modified Date: December 20, 2025 / 12:21 am IST
Published Date: December 20, 2025 12:21 am IST

चंडीगढ़, 19 दिसंबर (भाषा) हरियाणा विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पांच घंटे की बहस के बाद ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया।

इस बीच विपक्ष के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

शुक्रवार को विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों ने ‘वोट चोरी’, कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं सहित कई मुद्दों पर सरकार पर तीखा हमला बोला।

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कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विभिन्न मुद्दों पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

हुड्डा ने मुख्यमंत्री से कहा, ‘‘समाज के सभी वर्ग इस सरकार से तंग आ चुके हैं, लेकिन आप इसका कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।’’

संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि चूंकि कांग्रेस सदस्य बहिर्गमन कर गए हैं, इसलिए प्रस्ताव को ‘‘खारिज’’ कर दिया जाना चाहिए।

इससे पहले दिन में, हरियाणा विधानसभा में शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने चर्चा के लिए दो घंटे का समय आरक्षित किया।

अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को सदन को सूचित किया था कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की सूचना स्वीकार कर ली है और इस पर शुक्रवार को चर्चा का कार्यक्रम निर्धारित किया है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। हालांकि कांग्रेस तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों के दौरान दो बार यह प्रस्ताव लाई जोकि विफल रहे थे।

कांग्रेस ने हरियाणा सरकार पर ‘‘जनविरोधी नीतियों और कमजोर प्रबंधन’’ के कारण सभी मोर्चों पर विफल होने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने राज्य के हर वर्ग का विश्वास खो दिया है। अपनी विभिन्न प्रणालियों के माध्यम से इस सरकार ने ‘लोकतंत्र’ को ‘तंत्रलोक’ में बदल दिया है।’’

इसने यह भी कहा कि ‘असंवेदनशील’ और ‘अनुत्तरदायी’ सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है।

विधानसभा में भाजपा के 48 विधायक हैं, जिनमें अध्यक्ष भी शामिल हैं, कांग्रेस के 37, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के दो, जबकि तीन निर्दलीय विधायक सत्तारूढ़ दल का समर्थन करते हैं।

कांग्रेस द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि सत्ताधारी दल ने असंवैधानिक तरीकों से और प्रलोभन देकर मतों की हेराफेरी करके सत्ता हथिया ली है।

प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि यह सरकार जनता के भरोसे पर नहीं बनी है।

भाषा शफीक देवेंद्र

देवेंद्र


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