16 वर्षीय मुस्लिम लड़की को पति को सौंपा जाए, हाईकोर्ट ने दी अनुमति

उच्च न्यायालय ने 16 वर्षीय मुस्लिम लड़की को उसके पति को सौंपे जाने की अनुमति दी HC allows 16-year-old Muslim girl to be handed over to her husband

16 वर्षीय मुस्लिम लड़की को पति को सौंपा जाए, हाईकोर्ट ने दी अनुमति

15-year-old Muslim girl can marry a boy of her choice

Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: October 28, 2022 11:20 pm IST

16-year-old Muslim girl: चंडीगढ़, 28 अक्टूबर। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि 15 साल से अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद से किसी भी व्यक्ति से शादी कर सकती है और उसकी यह शादी वैध मानी जायेगी। न्यायालय ने 16 वर्षीय एक लड़की को अपने पति के साथ रहने की अनुमति देते हुए यह बात कही।

न्यायमूर्ति विकास बहल की खंडपीठ ने जावेद (26) की एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उसकी 16 वर्षीय पत्नी को उसके साथ रहने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था। लड़की को हरियाणा के पंचकूला में एक बाल गृह में रखा गया है।

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शादी उनकी मर्जी से और बिना किसी दबाव के हुई

16-year-old Muslim girl: याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसकी शादी के समय उसकी पत्नी की उम्र 16 साल से अधिक थी तथा यह शादी उनकी मर्जी से और बिना किसी दबाव के हुई थी।

याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि दोनों मुसलमान हैं और उन्होंने 27 जुलाई को यहां मनी माजरा की एक मस्जिद में ‘निकाह’ किया था।

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यूनुस खान बनाम हरियाणा राज्य

याचिकाकर्ता के वकील ने यूनुस खान बनाम हरियाणा राज्य मामले में उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ के फैसले पर भरोसा करते हुए दलील दी कि लड़की को याचिकाकर्ता के साथ रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।

हालांकि, राज्य के वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि वह नाबालिग है, इसलिए उसे आशियाना होम में रखा जा रहा है। राज्य के वकील ने याचिका खारिज करने की गुहार लगाई थी।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com