उच्च न्यायालय ने वानखेड़े, रेड चिलीज, नेटफ्लिक्स को मानहानि मुकदमे में जवाब दाखिल करने को कहा

उच्च न्यायालय ने वानखेड़े, रेड चिलीज, नेटफ्लिक्स को मानहानि मुकदमे में जवाब दाखिल करने को कहा

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  • Publish Date - October 30, 2025 / 05:56 PM IST,
    Updated On - October 30, 2025 / 05:56 PM IST

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े, अभिनेता शाहरुख खान के स्वामित्व वाली रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और ओटीटी मंच ‘नेटफ्लिक्स’ को एक सीरीज से संबंधित मानहानि के मुकदमे में अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए बृहस्पतिवार को समय दे दिया।

वानखेड़े ने रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स के खिलाफ “बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ में उनकी प्रतिष्ठा को कथित रूप से धूमिल करने के लिए मानहानि का मुकदमा दायर किया है और दो करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है, जिसे वह कैंसर रोगियों के लिए टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को दान करना चाहते हैं।

न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने पक्षकारों से अपने लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 10 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।

उच्च न्यायालय ने आठ अक्टूबर को मानहानि के मुकदमे में प्रतिवादी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, नेटफ्लिक्स, एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर), गूगल एलएलसी, मेटा के मचों, आरपीएसजी लाइफस्टाइल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य को नोटिस और समन जारी किए और उन्हें सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा।

अंतरिम राहत के रूप में, वानखेड़े ने कई वेबसाइटों से कथित मानहानिकारक सामग्री को हटाने की भी मांग की है।

याचिका में कहा गया कि यह सीरज मादक पदार्थ विरोधी प्रवर्तन एजेंसियों का भ्रामक और नकारात्मक चित्रण करती है, जिससे कानून प्रवर्तन संस्थाओं में जनता का विश्वास कम होता है।

याचिका में कहा गया है कि सीरीज को वानखेड़े की प्रतिष्ठा को जानबूझकर धूमिल करने के इरादे से बनया गया है और यह सीरीज खासकर ऐसे समय में बनी है जब याचिकाकर्ता और शाहरुख खान के बेटे आर्यन से जुड़ा मामला मुंबई उच्च न्यायालय तथा स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) से संबंधित विशेष अदालत के समक्ष विचाराधीन है।

नेटफ्लिक्स के वकील ने इस मुकदमे का विरोध किया।

याचिका में दावा किया गया है कि सीरीज में एक पात्र को खासकर ‘सत्यमेव जयते’ का नारा बोलने के बाद अपने हाथ की बीच वाली उंगली दिखाकर अश्लील इशारे करते हुए दिखाया गया है, जबकि ‘सत्यमेव जयते’ स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है।

इसमें कहा गया है कि यह कृत्य राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के प्रावधानों का गंभीर और संवेदनशील उल्लंघन है, जिसके लिए कानून के तहत दंड के प्रावधान किये गये हैं।

भाषा नोमान माधव

माधव