उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया
Modified Date: July 22, 2024 / 11:33 am IST
Published Date: July 22, 2024 11:33 am IST

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अमित शर्मा ने फरवरी 2020 में यहां हुए दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश से संबंधित यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से सोमवार को खुद को अलग कर लिया।

इस मामले को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति शर्मा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि इसे किसी अन्य पीठ के समक्ष भेजा जाना है।

 ⁠

अदालत ने कहा, ‘‘(इस मामले को) 24 जुलाई को ऐसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिमसें न्यायमूर्ति अमित शर्मा शामिल नहीं हों।’’

सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए खालिद ने अधीनस्थ अदालत के उसे जमानत देने से इनकार करने संबंधी हालिया आदेश को चुनौती दी है।

उमर खालिद और शरजील इमाम सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों का कथित ‘मास्टरमाइंड’ होने के आरोप में यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे।

ये दंगे नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान भड़के थे। इनमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक घायल हुए थे।

अधीनस्थल अदालत ने खालिद की जमानत याचिका 28 मई को खारिज कर दी थी।

भाषा

सिम्मी पारुल

पारुल


लेखक के बारे में