हिमाचल में बाढ़ से अबतक कम से कम 320 लोगों की मौत, 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
हिमाचल में बाढ़ से अबतक कम से कम 320 लोगों की मौत, 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
शिमला, 30 अगस्त (भाषा) शिमला के दो गांवों में भूस्खलन के कारण पांच मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण आयी आपदाओं के कारण हुई तबाही और बढ़ गई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के आंकड़ों के अनुसार, चालू मानसून सीजन के दौरान राज्य में 91 अचानक बाढ़ आने, 45 बादल फटने और 93 बड़े भूस्खलन की घटनाओं के कारण 3,040 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
एसईओसी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 30 अगस्त के बीच वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम 320 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 लोग लापता हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों तीर्थयात्री अभी भी चंबा जिले में फंसे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर भरमौर क्षेत्र में फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित घर भेजने के प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा जिले में भूस्खलन प्रभावित भरमौर और कांगड़ा जिले में बाढ़ प्रभावित इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और पुलिस और प्रशासन ने भरमौर तक पैदल जाने के इच्छुक युवाओं की यात्रा को सुगम बनाया है।
उन्होंने बताया कि राजस्व एवं लोक निर्माण मंत्री मौके पर मौजूद हैं। सड़कें जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण बाधा आ रही है। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों को छोटे हेलीकॉप्टरों से हवाई मार्ग से ले जाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 2023 की बाढ़ की तुलना में इस वर्ष मानव जीवन का नुकसान तुलनात्मक रूप से कम है; हालांकि इस वर्ष विनाश का स्तर बहुत अधिक है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि लगभग 6,000 मणिमहेश यात्रियों को निकालकर बसों और टैक्सियों से पठानकोट और नूरपुर भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 5,000 तीर्थयात्री अभी भी भरमौर में हैं तथा केवल लगभग 500 श्रद्धालु ही चंबा में हैं।
पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण 842 सड़कें बंद हो गई हैं।
मनाली शहर में हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं।
भाषा
शुभम दिलीप
दिलीप

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