हिंदू जनजागृति समिति ने कर्नाटक घृणास्पद भाषण रोधी विधेयक का विरोध किया
हिंदू जनजागृति समिति ने कर्नाटक घृणास्पद भाषण रोधी विधेयक का विरोध किया
मंगलूरु (कर्नाटक), 29 दिसंबर (भाषा) हिंदू जनजागृति समिति ने कर्नाटक घृणास्पद भाषण रोधी विधेयक को सोमवार को हिंदू विरोधी करार देते हुए राज्यपाल और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की।
समिति ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कथित अत्याचार को लेकर तत्काल कार्रवाई करने की भी मांग की।
दक्षिण कन्नड़ के अपर उपायुक्त राजू के. के जरिए सौंपे एक ज्ञापन में समिति ने कर्नाटक घृणास्पद भाषण एवं घृणास्पद अपराध निरोधक कानून, 2025 का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि इस विधेयक का लक्ष्य कानून की आड़ में हिंदू संगठनों का दमन करना है।उसने राज्यपाल से इस विधेयक को मंजूरी नहीं देने की अपील की।
समिति के मुताबिक, प्रस्तावित कानून धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दों से जुड़े बयानों को अपराध बना सकता है। उसका आरोप है कि यह विधेयक हिंदू नेताओं को निशाना बनाकर अस्पष्ट परिभाषाओं के आधार पर गैर जमानती गिरफ्तारी की अनुमति देता है।
समिति का दावा है कि गौ रक्षा अभियान जैसी धार्मिक गतिविधियों और आस्था को लेकर जागरूकता वाले संदेशों को घृणास्पद भाषण करार दिया जा सकता है जिससे धार्मिक स्वतंत्रता बाधित होगी।
उसने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की कड़ी निंदा की और दीपू चंद्र दास नामक एक हिंदू युवक की हत्या को लक्षित हिंसा वाली घटना करार दिया । उसने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी घटकर 7.8 प्रतिशत पर आ गई है जो 1941 में 28 प्रतिशत थी।
समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बांग्लादेश पर आर्थिक, व्यापारिक और राजनयिक दबाव बनाने तथा संयुक्त राष्ट्र एवं मानवाधिकार संगठनों के जरिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप का आह्वान करने का अनुरोध किया।
उसने कहा कि यदि सरकार इन दोनों मुद्दों पर कार्रवाई करने में विफल रहती है तो हिंदू सड़कों पर निकलेगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान हिंदू संगठनों के कई प्रतिनिधि और अधिवक्ता मौजूद थे।
भाषा सं राजेंद्र नोमान राजकुमार
राजकुमार

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