Hindu Nav Varsh 2025: भाजपा सरकार विधानसभा में मनाएगी हिन्दू नववर्ष.. किये जायेंगे सांस्कृतिक आयोजन, कैलाश खेर की प्रस्तुति भी

इस कैलेंडर में नववर्ष का पहला दिन चैत्र मास की शुरुआत मानी जाती है। विक्रम संवत का नाम उज्जैन के महान राजा विक्रमादित्य के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने परंपरागत रूप से इस कैलेंडर की शुरुआत 57 ईसा पूर्व में की थी।

Hindu Nav Varsh 2025: भाजपा सरकार विधानसभा में मनाएगी हिन्दू नववर्ष.. किये जायेंगे सांस्कृतिक आयोजन, कैलाश खेर की प्रस्तुति भी

Hindu New Year Celebration in Delhi Assembly || Image- https://www.shutterstock.com

Modified Date: March 28, 2025 / 08:26 pm IST
Published Date: March 28, 2025 8:26 pm IST
HIGHLIGHTS
  • दिल्ली विधानसभा में पहली बार भव्य हिंदू नववर्ष समारोह होगा
  • प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति देंगे
  • विक्रम संवत 2082 के स्वागत में विशेष आयोजन किया जाएगा

Hindu New Year Celebration in Delhi Assembly: नई दिल्ली: दिल्ली सरकार 30 मार्च को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 के शुभ अवसर पर दिल्ली विधानसभा में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगी। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि इस आयोजन के लिए पूरी विधानसभा को सजाया जाएगा। उन्होंने बताया, “30 मार्च को दिल्ली विधानसभा में हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 के अवसर पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। विधानसभा को भव्य रूप से सजाया जाएगा।”

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सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन

अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध संगीतकार कैलाश खेर प्रस्तुति देंगे। दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “यह पहली बार है जब दिल्ली विधानसभा में हिंदू नववर्ष मनाया जा रहा है, और इसे एक परंपरा के रूप में शुरू किया जा रहा है।”

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विक्रम संवत और उसका ऐतिहासिक महत्व

Hindu New Year Celebration in Delhi Assembly: विक्रम संवत एक सौर-चंद्र कैलेंडर है, जो प्रति वर्ष 12-13 चंद्र महीनों का उपयोग करता है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर से आमतौर पर 57 वर्ष आगे होता है, हालांकि जनवरी से अप्रैल के बीच यह 56 वर्ष आगे होता है।

इस कैलेंडर में नववर्ष का पहला दिन चैत्र मास की शुरुआत मानी जाती है। विक्रम संवत का नाम उज्जैन के महान राजा विक्रमादित्य के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने परंपरागत रूप से इस कैलेंडर की शुरुआत 57 ईसा पूर्व में की थी। हालांकि, 9वीं शताब्दी से पहले इस कैलेंडर के उपयोग का कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। (ANI)

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