हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख के एक बेटे को जमानत मिली, दूसरे बेटे की जमानत खारिज
हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख के एक बेटे को जमानत मिली, दूसरे बेटे की जमानत खारिज
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकी वित्तपोषण मामले में शुक्रवार को हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के एक बेटे को जमानत दे दी, जबकि दूसरे को राहत देने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शलिंदर कौर की पीठ ने सलाहुद्दीन के बेटे शाहिद यूसुफ की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालत अभियोजन पक्ष द्वारा सामने लाई गई बड़ी साजिश को नजरअंदाज नहीं कर सकती।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के वास्ते धन पहुंचाने के लिए हवाला माध्यमों के इस्तेमाल के अभियोजन पक्ष के आरोपों पर विचार करते हुए, अदालत ने कहा कि यूसुफ कथित तौर पर इस नेटवर्क का हिस्सा था।
अदालत ने कहा, ‘‘आरोपों की प्रकृति और रिकॉर्ड में पेश की गई सामग्री प्रथम दृष्टया इस साजिश में अपीलकर्ता की संलिप्तता और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के ज्ञात सदस्यों के साथ उसके सीधे संपर्क को स्थापित करती है।’’
वहीं, सैयद अहमद शकील को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि वह पहले ही 6 वर्ष 11 महीने की लंबी कैद काट चुका है और इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि मुकदमा कितने समय में समाप्त होगा।
अदालत ने कहा कि शकील के खिलाफ अभियोजन का मुख्य आधार धन प्राप्ति था, न कि उसका किसी आतंकवादी गतिविधि में इसका उपयोग।
शकील को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर जमानत दी गई।
शकील को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2011 में दर्ज एक आतंकी वित्तपोषण मामले में 30 अगस्त, 2018 को श्रीनगर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया था।
एनआईए के अनुसार, यह मामला पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा हवाला के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में धन के हस्तांतरण से संबंधित है।
यूसुफ को विदेश से हिज्बुल मुजाहिदीन से धन प्राप्त करने के आरोप में अक्टूबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश

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