गृह मंत्रालय ने SFJ को फिर घोषित किया गैरकानूनी संगठन, पांच साल के लिए बढ़ाया प्रतिबंध
SFJ again declared an illegal organization : इससे पहले भारत सरकार ने जुलाई 2019 में सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगाया था जिसके बाद इस साल यह प्रतिबंध की अवधि बढ़ाई जा रही है।
नईदिल्ली। SFJ again declared an illegal organization, गृह मंत्रालय ने आज आतंकवादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पर प्रतिबंध को 10 जुलाई, 2024 से पांच साल की अवधि के लिए फिर से गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए बढ़ा दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से की गई जांच में मिले नए सबूतों के आधार पर लिया गया है। ये सबूत SFJ और उसके संरक्षक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ जुटाए गए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज कर रखे हैं।
इससे पहले भारत सरकार ने जुलाई 2019 में सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगाया था जिसके बाद इस साल यह प्रतिबंध की अवधि बढ़ाई जा रही है। पिछले साल एजेंसी ने पंजाब और चंडीगढ़ में उनकी संपत्तियों को भी अपने कब्जे में ले लिया था।
सिख फॉर जस्टिस के बारे में जानें
बता दें कि साल 2007 में खालिस्तानी चरमपंथी गुरवंत सिंह पन्नू ने सिख फॉर जस्टिस संगठन बनाया, जिसका मकसद सिखों के लिए अलग देश की मांग करना है। ये लगातार कई अलगाववादी अभियान चलाता रहा, जो पंजाब को भारत से आजाद कराने की बात करता है, संगठन सिर्फ भारत के पंजाब को अलग करने की मांग करता है, पाकिस्तान पर उसने कभी बात नहीं की।
साल 2018 में सिख फॉर जस्टिस ने भारत से पंजाब के अलग होने पर एक जनमत संग्रह की बात की थी, जिसमें दुनियाभर के सिखों के शामिल होने की अपील थी।
इसके बार साल 2020 में जनमत संग्रह के लिए वोटिंग की बात दोबारा छिड़ी। पंजाब के अलावा इसमें कनाडा, अमेरिका, यूरोप, न्यूजीलैंड और वे सारे देश थे, जहां ये सिख समुदाय रहता है।
एक वेबसाइट बनी थी- रेफरेंडम 2020। ये कहती है कि जब सिख भारत से आजादी के लिए एकमत हो जाएंगे, तो आगे की प्रोसेस होगी, यानी खालिस्तान को मान्यता दिलाने की कोशिश की जाएगी।
SFJ आतंकियों को बताता है शहीद
बता दें कि SFJ लगातार उन लोगों की छवि बनाता रहा, जिन्होंने चरमपंथी सोच के साथ मासूम लोगों की हत्याएं की। मसलन, कनाडा में जनमत संग्रह के लिए मुख्यालय का नाम तलविंदर सिंह परमार के नाम पर रखा गया। सिख फॉर जस्टिस उसे शहीद कहता है, जबकि परमार 1985 एयर इंडिया बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था। इस विस्फोट में 3 सौ से ज्यादा बेगुनाह मारे गए थे।
एसएफजे ने इंदिरा गांधी के हत्यारों, बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को भी ऊंचा दर्जा दिया। साल 2020 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें संगठन के लीडर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ‘शहीद’ बेअंत सिंह के सम्मान में खालिस्तान का झंडा फहराने वाले लोगों को लेटेस्ट आईफोन देने का वादा किया था।
SFJ पर पहले से लगा है प्रतिबंध
साल 2020 में अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट 1967 (UAPA) के तहत पन्नू को आतंकी घोषित किया गया। इससे पहले जुलाई 2019 में सिख फॉर जस्टिस को आतंकी विचारधारा के कारण उसे भी प्रतिबंधित कर दिया गया। इसी के साथ-साथ एसएफजे का कंटेंट बनाने-दिखाने वाले कई यूट्यूब चैनलों पर भी प्रतिबंध लग गया है।
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