हुमायूं कबीर जिन्ना की भाषा बोलते हैं, यह बंगाली हिंदुओं के लिए चुनौती है: शुभेंदु अधिकारी

हुमायूं कबीर जिन्ना की भाषा बोलते हैं, यह बंगाली हिंदुओं के लिए चुनौती है: शुभेंदु अधिकारी

हुमायूं कबीर जिन्ना की भाषा बोलते हैं, यह बंगाली हिंदुओं के लिए चुनौती है: शुभेंदु अधिकारी
Modified Date: December 8, 2025 / 10:07 pm IST
Published Date: December 8, 2025 10:07 pm IST

मुर्शिदाबाद, आठ दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को यहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर की बयानबाजी को ‘मुहम्मद अली जिन्ना की भाषा’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह ‘‘ बंगाली हिंदुओं के लिए सीधी चुनौती’’ है।

अधिकारी की यह टिप्पणी मुर्शिदाबाद जिले के रेजिनगर में छह दिसंबर को कबीर द्वारा ‘बाबरी मस्जिद’ की शैली की तर्ज पर एक मस्जिद की आधारशिला रखे जाने को लेकर बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच आई है। कबीर की इस पहल पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है।

शुभेंदु अधिकारी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को किसी भी धार्मिक संस्थान के निर्माण पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बाबर के नाम पर प्रस्तावित मस्जिद का ‘‘प्रतीकात्मक और भड़काऊ नामकरण’’ का कड़ा विरोध करते हैं।

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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि आप अपनी जमीन पर, अपने समुदाय के धन से, कानूनी तौर पर मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे बनाएं। लेकिन रेजिनगर में जो हुआ वह धार्मिक आस्था नहीं थी। यह राज्य के संरक्षण में कट्टरपंथियों का शक्ति प्रदर्शन था।’’

शुभेंदु ने कबीर पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हुमायूं कबीर अब जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह हुसैन सुहरावर्दी और मुहम्मद अली जिन्ना की भाषा से अलग नहीं है। यह एक चुनौती है, एक युद्धघोष है, यह सह-अस्तित्व की भाषा नहीं है।’’

भाजपा नेता ने कार्यक्रम के दौरान भारी पुलिस तैनाती का जिक्र करते हुए शासन पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘जब किसी महाविद्यालय में सरस्वती पूजा होती है, तो छात्रों को उच्च न्यायालय जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जब मैं भवानीपुर में होलिका दहन करता हूं, तो अदालत के आदेश के तहत यह रात नौ बजे के बाद एक गली के अंदर होना चाहिए। यहां तक कि देवी काली की प्रतिमाओं को भी जेल की गाड़ियों में रखा जाता है। लेकिन यहां बिना अनुमति के, पुलिस के समर्थन से लाउडस्पीकर, लाखों लोगों की भीड़ और चंदा इकट्ठा करने की अनुमति दी गई।’’

शुभेंदु ने दावा किया कि बाबर का महिमामंडन करना भारत की सभ्यतागत विरासत का अपमान करने के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘बाबर भारतीय नहीं था। वह लुटेरे के रूप में आया, मंदिरों को नष्ट किया, जबरन धर्मांतरण कराया और सोना-हीरा लूटा। हर भारतीय को उसके नाम पर किसी भी संरचना का नाम रखने का विरोध करने का अधिकार है।’’

इस बीच, निलंबित विधायक ने मुस्लिम मतदाताओं से राजनीतिक रूप से एकजुट होने की अपील की है।

शुभेंदु ने कबीर की अपील पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी दी, ‘‘अगर हिंदू ममता बनर्जी को हटाने के लिए एकजुट नहीं हुए, तो भविष्य में कई इलाकों का नाम बदलकर औरंगजेब के नाम पर रख दिया जाएगा।’’

तृणमूल ने भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘बंगाल को धार्मिक आधार पर बांटने की बार-बार कोशिश की जा रही है। कुछ लोग इस साजिश में सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं। बंगाल धार्मिक कट्टरता में विश्वास नहीं करता।’’

कबीर ने जवाबी हमला करते हुए ममता बनर्जी पर राज्य में मुस्लिम राजनीतिक प्रतिनिधित्व को व्यवस्थित रूप से कम करने का आरोप लगाया।

उन्होंने दावा किया, ‘‘2011 में 67 मुस्लिम विधायक थे। 2016 में यह घटकर 57 रह गए। 2021 में साजिश के तहत इन्हें घटाकर सिर्फ 44 कर दिया गया।’’

कबीर ने इसी के साथ 90 अल्पसंख्यक बहुल सीट पर मुस्लिम प्रतिनिधित्व को मजबूत करने की अपील की।

मूल ‘बाबरी मस्जिद’ उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित थी जिसे छह दिसंबर 1992 को ध्वस्त कर दिया गया था।

भाषा धीरज संतोष

संतोष


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