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श्रीनगर, तीन अप्रैल (भाषा) डीपीएपी के संस्थापक गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए जारी लड़ाई को आगे ले जाने और इसके निवासियों के भूमि व रोजगार अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने मंगलवार को घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे।
आजाद ने पांच दशक तक कांग्रेस में रहने के बाद 2022 में पार्टी छोड़ दी थी और डीपीएपी का गठन किया था।
आजाद ने यहां पत्रकारों से कहा, “ऐसी अटकलें हैं कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन दिल्ली और पुडुचेरी की तर्ज पर, जहां उपराज्यपाल मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के हर फैसले को मंजूरी देते हैं।”
उन्होंने कहा, “गुलाम नबी आजाद को यह मंजूर नहीं है। शायद जम्मू-कश्मीर के किसी हिंदू, मुस्लिम, सिख, गुज्जर या पहाड़ी को यह मंजूर नहीं होगा।”
आजाद ने कहा कि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के कई कारण हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों की नौकरियों व जमीन की सुरक्षा करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, ‘इसके लिए, हमें पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए क्योंकि तब विधानसभा कानून पारित कर सकती है जिसमें यह प्रावधान हो कि केवल राज्य के लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित होंगी तथा बाहरी लोग यहां जमीन नहीं खरीद करेंगे।’
भाषा जोहेब माधव
माधव
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मैं इस लड़ाई में अपना सबकुछ दे रहा हूं, आप…
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