आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखने पर प्रियंका गांधी का आभारी हूं: सुक्खू
आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखने पर प्रियंका गांधी का आभारी हूं: सुक्खू
शिमला, 16 सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में आपदा प्रभावित राज्य की पुरजोर वकालत करने के लिए शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा का आभार जताया।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुई तबाही को 2013 की केदारनाथ त्रासदी की तरह ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ घोषित करने की प्रधानमंत्री से अपील करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की अपनी दो दिवसीय यात्रा के ठीक बाद, गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा, जिसमें मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही का विवरण दिया गया।
कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में पीड़ितों और उनके परिवारों को राहत देने के साथ-साथ राज्य के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की भी मांग की। गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘बारिश प्रभावित क्षेत्रों के अपने दौरे के दौरान प्रभावित लोगों की हालत देखकर मुझे दुख हुआ।’’
उन्होंने कहा कि राज्य एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है और इस आपदा को 2013 की केदारनाथ त्रासदी की तरह राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि पीड़ितों एवं राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश के भाइयों और बहनों को राहत मिल सके और राज्य का समुचित पुनर्निर्माण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के दौरान, जब हिमाचल प्रदेश के लोग मदद की तलाश में हैं, केंद्र द्वारा विदेशी सेब पर आयात शुल्क में कटौती राज्य के सेब किसानों और बागवानों के लिए दोहरा आर्थिक झटका होगा।
गांधी ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘मेरी समझ में, इस कठिन समय में किसानों को इतना झटका नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि अगर हिमाचल के किसानों को केंद्र सरकार से किसी तरह की वित्तीय मदद मिलती है, तो उन्हें राहत मिलेगी।’’
शनिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, राज्य को करीब 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हिमाचल प्रदेश में अभूतपूर्व बारिश के कारण अचानक आई बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से लगभग 13,000 घर क्षतिग्रस्त हो गए, राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों पर आवाजाही बाधित हो गई तथा सार्वजनिक और निजी संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक की सबसे भीषण आपदा के कारण राज्य में कृषि भूमि के बड़े हिस्से के जलमग्न होने के कारण किसानों को बड़ा नुकसान होने के अलावा भारी जनहानि हुई।
गांधी की अपील को दोहराते हुए, सुक्खू ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को हुए नुकसान पर संज्ञान ले और जल्द ही इसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करे ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके और पर्याप्त मुआवजा दिया जा सके।
आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि राज्य में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से 15 सितंबर तक 432 लोगों की जान चली गई। इनमें से 273 लोगों की मौत वर्षा जनित घटनाओं में और 159 की सड़क दुर्घटनाओं में हुई।
भाषा आशीष धीरज
धीरज

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