karnataka hc judge justice b veerappa : कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस बी वीरप्पा ने कहा है कि मैं जिस जज्बे से काम करता हूं और अगर मुझसे गलती होती है तो फिर विधानसभा और हाई कोर्ट के सामने भी खड़ा होने के लिए भी तैयार हूं। यहां तक कि अगर मैं गलती करता हूं तो खुद अपना सिर काटने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि कहा कि जब बार के सदस्य ज्यूडिशियरी के खिलाफ बेबुनियाद और निराधार आरोप लगाते हैं तो ऐसे में एडवोकेट्स एसोसिएशन को आगे आना चाहिए। जस्टिस वीरप्पा ने कहा, “न्यायाधीशों के पास निश्चित सीमा के बाद सुदर्शन चक्र का उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।” जस्टिस वीरप्पा के इस बयान के बाद एएबी के अध्यक्ष विवेक सुब्बा रेड्डी ने कहा कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।ॉ
बता दें कि गुरुवार को कोर्ट हॉल में एक वकील ने बेंच के साथ दुर्व्यवहार किया था। इस घटना का जिक्र करते हुए जस्टिस वीरप्पा ने ये बातें कही। जस्टिस वीरप्पा ने कहा कि जब बार के कुछ सदस्य जजों के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हैं तो ऐसे में एडवोकेट्स एसोसिएशन को ज्यूडिशरी के बचाव में आगे आना चाहिए। जस्टिस वीरप्पा ने कहा कि जज इस तरह के आरोपों को कुछ हद तक तो सहन कर सकते हैं लेकिन जब ये असहनीय हो जाता है तो जजों के पास ऐसे वकीलों पर सुदर्शन चक्र का उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है।
जस्टिस बी वीरप्पा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एएबी के अध्यक्ष विवेक सुब्बा रेड्डी ने बताया कि मैं केवल इतना ही कहूंगा कि जब जज की ईमानदारी पर सवाल उठाया जाता है तो उनके लिए इससे ज्यादा बुरा कुछ नहीं हो सकता, वह भी ऐसे माहौल में जहां अखंडता को बनाए रखना चुनौती बन गया है। रेड्डी ने कहा कि जस्टिस वीरप्पा ने एक वकील बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। वकील के बयान के संदर्भ में रेड्डी ने कहा कि इस तरह के बयान संस्था के प्रति लोगों की आस्था को प्रभावित करते हैं।