मैं तकनीकी और मानसिक रूप से जद(एस) में हूं; अब भी कर्नाटक का प्रदेश अध्यक्ष: इब्राहिम
मैं तकनीकी और मानसिक रूप से जद(एस) में हूं; अब भी कर्नाटक का प्रदेश अध्यक्ष: इब्राहिम
बेंगलुरू, 22 अक्टूबर (भाषा) जनता दल (सेक्युलर) की कर्नाटक इकाई के अपदस्थ प्रदेश अध्यक्ष सी एम इब्राहिम ने रविवार को कहा कि वह ‘तकनीकी और मानसिक रूप से’ जद (एस) में हैं और अब भी राज्य में पार्टी के प्रमुख हैं, क्योंकि उन्हें पद से हटाया जाना गलत है।
इब्राहिम ने जद (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा और उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से भाजपा के साथ हाथ मिलाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी।
उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई सहित भविष्य के अपने कदम पर 26 अक्टूबर के बाद फैसला करेंगे।
इब्राहिम ने कहा कि वह अब भी तकनीकी और मानसिक रूप से जद (एस) में हैं, वह अब भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हटाया नहीं जा सकता, वे (देवेगौड़ा और कुमारस्वामी) इसे जानते हैं। वे पार्टी की राज्य इकाई को भंग नहीं कर सकते, वे इसे जानते हैं। उन्होंने जो किया है वह गलत है, लेकिन मुझे अब भी उम्मीद है कि वह चीजों को सुधारेंगे, और हमारी विचारधारा के अनुरूप ही आगे बढ़ेंगे।’’
भाजपा के साथ गठबंधन के जद(एस) के फैसले के खिलाफ इब्राहिम की बगावत के बाद, पार्टी को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी।
देवेगौड़ा ने बृहस्पतिवार को पार्टी की कर्नाटक इकाई को भंग कर दिया था और इब्राहिम को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर कुमारस्वामी को तदर्थ प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था।
इब्राहिम ने कहा, ‘‘देवेगौड़ा एक वरिष्ठ नेता हैं। मैं आपके (मीडिया) माध्यम से एक बार फिर हाथ जोड़कर उनसे अनुरोध करता हूं कि वे भाजपा के साथ गठबंधन के फैसले पर पुनर्विचार करें। केरल, तमिलनाडु, राजस्थान की पार्टी इकाइयां भाजपा के साथ जाने के फैसले के खिलाफ हैं।’’
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने देवेगौड़ा से उस विचारधारा के साथ खड़े रहने का आग्रह किया, जिसका पार्टी हमेशा से पालन करती रही है।
उन्होंने कहा कि कि वह उदयपुर का दौरा कर रहे हैं और इस सप्ताह के अंत में जद (एस) पार्टी के नेताओं से मिलने के लिए मुंबई जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘देवेगौड़ा जानते हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री कैसे बनाया गया था। वह जानते हैं कि मैंने 1995 में जनता दल का निर्माण कैसे किया था। यह उनके लिए नया नहीं है, वह जानते हैं, लेकिन क्या करें, उन पर कुमारस्वामी का दबाव है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कुमारस्वामी से भी ऐसा ही अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘वह एक भाई की तरह हैं…कृपया भाजपा के साथ जाने पर पुनर्विचार करें, बाबासाहेब आम्बेडकर, बसवन्ना और राष्ट्र कवि – पुट्टप्पा (कुवेम्पु) की विचारधाराओं को स्वीकार करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रति हमारे मन में सम्मान है। निजी तौर पर हमें उनसे कोई शिकायत नहीं है, लेकिन वैचारिक तौर पर हम अलग रास्ते पर हैं।’’
इब्राहिम ने पार्टी नेतृत्व की अवहेलना करते हुए हाल ही में घोषणा की थी कि जद (एस) भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल नहीं होगी और यहां तक कि उन्होंने अपनी तरफ के लोगों को ‘असली जद (एस)’ के तौर पर बताया था।
जद (एस) ने पिछले महीने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अपने नेता कुमारस्वामी की बैठक के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला किया था।
इब्राहिम ने दावा किया कि जद (एस) के कई जिला अध्यक्ष और विधायक उनके साथ संपर्क में हैं। उन्होने कहा, ‘‘उन्होंने अभी तक बैठक के लिए नहीं बुलाया है, क्योंकि स्थिति अभी तक खराब नहीं हुई है, और उनका इरादा खराब नहीं होने देने का है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा है कि वे जहां हैं वहीं रहें और समय आने पर बात करेंगे…संसदीय चुनाव अभी मार्च-अप्रैल में हैं।’’
भाषा रंजन रंजन सुरेश
सुरेश

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