IAS अफसर ने पेश की मिसाल, 101 रुपए का शगुन लेकर लिए सात फेरे, बारात में शामिल हुए 11 लोग | IAS officer set an example, took seven rounds with an omen of Rs 101, 11 people attended the procession

IAS अफसर ने पेश की मिसाल, 101 रुपए का शगुन लेकर लिए सात फेरे, बारात में शामिल हुए 11 लोग

IAS अफसर ने पेश की मिसाल, 101 रुपए का शगुन लेकर लिए सात फेरे, बारात में शामिल हुए 11 लोग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : June 25, 2021/9:33 am IST

नई दिल्ली। शादी को यादगार बनाने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते। अपना रुतबा दिखाने के लिए तो कई लोग लाखों-करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा देते हैं। लेकिन हरियाणा के फरिदाबाद निवासी IAS अफसर ने समाज में एक सादगी की मिसाल पेश की है। ​अपने पिता को दिए वादे का निभाते हुए बिना दहेज के मात्र 101 रुपए का शगुन लेकर सात फेरे लिए।

Read More News: ‘बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मध्यप्रदेश सरकार की जमकर तारीफ’, BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- वैक्सीनेशन महाअभियान में हमारी सरकार ने रिकॉर्ड बनाया

फरीदाबाद के तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शाहबाद गांव निवासी रणजीत सिंह के बेटे प्रशांत नागर 2019 बैच के यूपी कैडर के IAS अधिकारी है। प्रशांत नागर का विवाह 20 जून को दिल्ली के बुराड़ी में रहने वाले रमेश कुमार की बेटी डॉ. मनीषा से हुआ। इस विवाह में न तो दिखावा हुआ और न ही बरातियों का मेला लगा। सादगी के साथ विवाद हुआ जो समाज को एक नई सीख दी है। बता दें कि आईएएस प्रशांत नागर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जॉइंट मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं।

Read More News:   नई टीम, पहली बैठक… मिशन 2023 की तैयारी…तय हुआ टारगेट ? 

बारात में शामिल हुए 11 लोग

आईएएस के शादी समारोह में पूरी तरह से सादगीपूर्ण में संपन्न हुआ और बारात में महज 11 लोग ही शामिल हुए। 101 रुपए का शगुन लेकर शादी किए प्रशांत नागर ने बताया कि मेरी बहन की शादी भी पिता जी ने बिना दहेज शगुन के मात्र 101 रु देकर की थी। तभी से पिता जी ने संकल्प लिया था के बेटों की शादी में दहेज नही लेंगे। पिता जी को दिए हुए संकल्प को निभाते हुए मैंने भी शुरू से ही बिना दहेज की शादी करने का फैसला कर लिया था। आईएएस के इस फैसले का दिल्ली सहित फरीदाबाद में खूब चर्चाएं हो रही हैं।

Read More News: मिशन 2023…बीजेपी पॉजिटिव ! बीजेपी की नई ‘रण’नीति !