नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को खुफिया ब्यूरो (आईबी) को निर्देश दिया कि वह एक हलफनामे में यह दर्ज करे कि ब्यूरो ने 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन विस्फोट मामले में 2009 में या उसके तत्काल बाद कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की थी।
यह आदेश एहतेशाम कुतुबुद्दीन सिद्दीकी की ओर से दायर याचिका पर दिया गया जिसे 11 जुलाई 2006 को हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाके के मामले में मृत्युदंड दिया गया है।
गौरतलब है कि मुंबई की पश्चिमी लाइन की लोकल ट्रेनों में हुए सात बम धमाकों में 189 लोग मारे गए थे और 829 घायल हुए थे।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने यह आदेश जारी किया और कहा कि एजेंसी ने अदालत को पहले बताया था कि उसे सूचना के अधिकार के तहत रिपोर्ट सौंपने से छूट दी गई थी।
अदालत ने कहा, “आपके (आईबी) रुख में विरोधाभास है। आईबी को अपना रुख अदालत में रिकॉर्ड पर पेश करना होगा और स्पष्ट रूप से बताना होगा कि उसने 2009 में या उसके तत्काल बाद कोई रिपोर्ट तैयार कर तत्कालीन गृह मंत्री को सौंपी थी या नहीं। चार सप्ताह में हलफनामा दायर करें और उसके बाद दो सप्ताह में रीजॉइन्डर दायर करें।”
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की है।
भाषा यश शोभना
शोभना
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)