मणिपुर में आईडीपी लोगों ने संगाई पर्यटन महोत्सव मनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया

मणिपुर में आईडीपी लोगों ने संगाई पर्यटन महोत्सव मनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया

मणिपुर में आईडीपी लोगों ने संगाई पर्यटन महोत्सव मनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया
Modified Date: November 20, 2025 / 03:18 pm IST
Published Date: November 20, 2025 3:18 pm IST

इम्फाल, 20 नवंबर (भाषा) मणिपुर में इंफाल घाटी के जिलों में सैकड़ों आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) ने बृहस्पतिवार को वार्षिक संगाई पर्यटन महोत्सव मनाने के खिलाफ अपने-अपने राहत शिविरों में धरना दिया।

मई 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद दो साल के लिए इस उत्सव का आयोजन नहीं किया गया था।

इस उत्सव का आयोजन 21 नवंबर से 30 नवंबर तक होगा।

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ये विरोध प्रदर्शन इम्फाल पश्चिम जिले में लाम्बोइखोंगखोंग ट्रेड सेंटर, कोंथौजम, वांगजिंग कोडोमपोकपी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और इम्फाल पूर्व जिले के सजीवा और अकम्पट में स्थित राहत शिविरों में आयोजित किये गये।

आईडीपी ने हाथों में तख्तियां ली हुई थी और संगाई महोत्सव का बहिष्कार करते हुए नारे लगाये।

आईडीपी वे व्यक्ति होते हैं जिन्हें सशस्त्र संघर्ष, हिंसा या प्राकृतिक आपदाओं जैसी स्थितियों के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है, लेकिन वे अपने देश की सीमाओं के भीतर ही रहते हैं।

मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय झड़पों में कम से कम 260 लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इस साल फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

लाम्बोइखोंगनांगखोंग के एक राहत शिविर में आईडीपी शांता सिंह ने कहा, ‘‘हम राहत शिविर में मुश्किल से गुजारा कर पा रहे हैं। यह देखकर बहुत दुख होता है कि राज्य में हालात सामान्य दिखाने के लिए हमारे मुद्दों को धीरे-धीरे नजरअंदाज किया जा रहा है। हम सरकार द्वारा कोई भी महोत्सव आयोजित करने से पहले अपने पुनर्वास की मांग करते हैं।’’

इस बीच कई नागरिक समाज संगठनों के इस उत्सव का बहिष्कार करने के कारण इंफाल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

राज्य सरकार ने लोगों से इस उत्सव में भाग लेने की अपील की।

मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने सोमवार को कहा था, ‘‘राज्य सरकार के लिए आईडीपी का पुनर्वास सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन संगाई महोत्सव का आयोजन आर्थिक गति बढ़ाने, स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों, शिल्पकारों और किसानों को बाजार उपलब्ध कराने तथा व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए महत्वपूर्ण है।’’

इस उत्सव का विरोध कर रहे एक प्रतिबंधित संगठन के 24 घंटे के बंद से बुधवार को इंफाल घाटी के जिलों में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश


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