इफ्को ने अभी तक यूरिया मूल्यांकन रिपोर्ट जमा नहीं की, बिक्री उत्पादन से कम: सरकार

इफ्को ने अभी तक यूरिया मूल्यांकन रिपोर्ट जमा नहीं की, बिक्री उत्पादन से कम: सरकार

इफ्को ने अभी तक यूरिया मूल्यांकन रिपोर्ट जमा नहीं की, बिक्री उत्पादन से कम: सरकार
Modified Date: December 16, 2025 / 08:29 pm IST
Published Date: December 16, 2025 8:29 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफ्को) ने नैनो यूरिया को अपनाने पर कोई मूल्यांकन रिपोर्ट जमा नहीं की है, जबकि यह उर्वरक चार साल से अधिक समय से बाजार में है।

गुजरात से भाजपा सांसद नरहरि अमीन के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में कहा कि इफ्को ने नैनो यूरिया को अपनाने के संबंध में कोई मूल्यांकन रिपोर्ट नहीं भेजी है। वहीं उत्पाद की बिक्री उत्पादन से कम है तथा फरवरी 2021 में शुरुआत के बाद से 2.49 करोड़ बोतलें बिना बिकी पड़ी हैं।

उन्होंने कहा कि पेशकश के बाद से, 30 नवंबर, 2025 तक देश भर में नैनो यूरिया की कुल 14.11 करोड़ बोतलें (प्रत्येक 500 मिली) उत्पादित की गई हैं। इसी अवधि के दौरान, देश भर में 11.62 करोड़ बोतलें बेची गई हैं।

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संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2025-26) में, 30 नवंबर तक उत्पादन 1.67 करोड़ बोतलों का रहा, जबकि बिक्री 1.38 करोड़ बोतलों की हुई। हालांकि, वर्ष 2024-25 में, बिक्री उत्पादन से काफी अधिक रही, जिसमें सिर्फ 90 लाख बोतलों के उत्पादन के मुकाबले 2.07 करोड़ बोतलें बेची गईं।

वर्ष 2022-23 में, 4.75 करोड़ बोतलों के उत्पादन की तुलना में बिक्री 3.26 करोड़ बोतलों की यानी कम रहीं। इसी तरह, वर्ष 2021-22 में, 2.90 करोड़ बोतलों के उत्पादन के मुकाबले बिक्री 2.15 करोड़ बोतलों की हुई।

इफ्को से कोई मूल्यांकन रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण, सरकार ने नैनो यूरिया के प्रभाव का आकलन करने के लिए स्वतंत्र अध्ययन शुरू किए हैं।

नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल और उर्वरक विभाग के बीच 5 मार्च, 2024 को ‘‘पारंपरिक यूरिया की तुलना में नैनो यूरिया की उपयोगिता और प्रभाव का मूल्यांकन’’ शीर्षक से अध्ययन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा 3 नवंबर, 2025 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के साथ नैनो यूरिया मूल्यांकन पर एक ‘नेटवर्क प्रोजेक्ट’ के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार नैनो यूरिया के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं देती है। हालांकि, गुजरात सरकार किसानों को नैनो फर्टिलाइजर खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दे रही है। सामान्य वर्ग के किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को 75 प्रतिशत की वित्तीय सहायता दी जा रही है।

भाषा राजेश राजेश अविनाश

अविनाश


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