आईएफएफआई समारोह में रहेगा क्षेत्रीय फिल्मों का दबदबा | IFFI festival to be dominated by regional films

आईएफएफआई समारोह में रहेगा क्षेत्रीय फिल्मों का दबदबा

आईएफएफआई समारोह में रहेगा क्षेत्रीय फिल्मों का दबदबा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : December 20, 2020/10:59 am IST

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) 51वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने वर्ष 2020 के लिए भारतीय पैनोरमा फिल्मों की सूची की घोषणा की कर दी है जिसमें फीचर श्रेणी में क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों का दबदबा है और गैर-फीचर फिल्मों की श्रेणी में भी इनकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

गोवा में हर साल 20-28 नवंबर के बीच होने वाले इस फिल्म महोत्सव का आयोजन कोरोना वायरस महामारी के चलते इस बार 16 से 24 जनवरी 2021 के बीच होगा।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को 20 गैर-फीचर और 23 फीचर फिल्मों के नामों के बारे में जानकारी दी जो महोत्सव के दौरान दिखाई जाएंगी।

फीचर श्रेणी में चुनी गई फिल्मों में 18 क्षेत्रीय भाषा की हैं, जिनमें ”ब्रिज” (असमिया), ”अविजात्रिक” (बांग्ला), ”ए डॉग एंड हिज मैन” (छत्तीसगढ़ी), ”पिंकी एली?” (कन्नड़), ” सेफ” (मलयालम), ”इगी कोना” (मणिपुरी), ”कलिरा अतिता” (ओडिया), ”थाईन” (तमिल), ”गाथम” (तेलुगु) और ”प्रवास” (मराठी) शामिल हैं।

फिल्मकार-लेखक जॉन मैथ्यू मथन की अध्यक्षता वाली जूरी द्वारा इन फिल्मों का चयन किया गया।

तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित और तापसी पन्नू एवं भूमि पेडनेकर अभिनीत ‘‘सांड की आंख’’ महोत्सव में फीचर फिल्म खंड के लिए शुरुआती फिल्म होगी, जिसमें वेत्री मारन की तमिल फिल्म ‘‘असुरन’’ और गोविंद निहलानी की अग्रेजी एनिमेशन ”अप, अप एंड अप” भी दिखाई जाएगी। संस्कृत भाषा की ”नमो” भी फीचर फिल्म श्रेणी में प्रदर्शित की जाएगी।

मुख्यधारा की तीन फिल्मों में नितेश तिवारी की ”छिछोरे” और ”असुरन” और मलयालम फिल्म ”कप्पेला” भी शामिल हैं। फिल्म ‘‘छिछोरे’’ सुशांत सिंह राजपूत अभिनीत है, जिनका इस वर्ष जून में निधन हो गया था।

फिल्मों का चयन फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) और प्रोड्यूसर गिल्ड की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।

गैर-फीचर फिल्म श्रेणी में ”हाईवेज ऑफ लाइफ” (मणिपुरी), ” झट आई बसंत” (पहाड़ी/हिंदी), ”पंचिका” (गुजराती), ” राधा” (बंगाली) और मराठी की ”स्टिल अलाइव”, ”खीसा” और ”पंढारा चिवड़ा” आदि दिखाई जाएंगी।

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश

 

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