आईजीएमसी आरडीए ने मरीज को ‘मुक्का मारने’ के मामले में बर्खास्त डॉक्टर को बहाल करने की मांग की

आईजीएमसी आरडीए ने मरीज को ‘मुक्का मारने’ के मामले में बर्खास्त डॉक्टर को बहाल करने की मांग की

आईजीएमसी आरडीए ने मरीज को ‘मुक्का मारने’ के मामले में बर्खास्त डॉक्टर को बहाल करने की मांग की
Modified Date: December 25, 2025 / 10:31 pm IST
Published Date: December 25, 2025 10:31 pm IST

शिमला, 25 दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय अस्पताल (आईजीएमसी) में एक मरीज के साथ हाथापाई करने के आरोप में एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर की सेवा समाप्त किए जाने के एक दिन बाद, चिकित्सकों के एक प्रमुख संगठन ने शुक्रवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने की धमकी दी और आरोपी चिकित्सक की तत्काल बहाली की मांग की।

आईजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने भी डॉ. राघव नरूला की बर्खास्तगी के आदेश को रद्द करने की मांग पूरी न होने पर शनिवार से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।

अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को नरूला की सेवाएं समाप्त कर दीं, क्योंकि उन पर सोमवार को अर्जुन सिंह नामक एक मरीज के साथ हुई हाथापाई में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है।

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उन्होंने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट में नरूला के ‘‘दुर्व्यवहार और अभद्रता’’ और ‘‘लोक सेवक के अशोभनीय कृत्य’’ में संलिप्त पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।

जांच समिति ने दोनों पक्षों को दोषी पाया है। मरीज अर्जुन सिंह शिमला की एक निजी अकादमी में पढ़ाते हैं जबकि नरूला पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर थे।

शिमला एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (एसएएमडीसीओटी) के समर्थन से आरडीए ने बृहस्पतिवार को एक बैठक आयोजित की, जिसमें नरूला की बर्खास्तगी के आदेश को तत्काल रद्द करने और नरेश दस्ता नामक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक धमकी, साजिश और गैरकानूनी सभा का मामला दर्ज करने की मांग की गई, जिसने कथित तौर पर नरूला को सीधे धमकी दी थी।

आरडीए ने एक बयान में कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उसके सदस्य शुक्रवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चले जाएंगे।

आरडीए सदस्यों ने कहा कि वे शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करेंगे और यदि उनकी मांग तब भी पूरी नहीं होती है, तो वे शनिवार पूर्वाह्न 9:30 बजे से हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे।

बयान में कहा गया है कि आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, हड़ताल की अवधि के दौरान गैर जरूरी शल्य क्रिया और ओपीडी सहित सभी नियमित सेवाएं बंद रहेंगी।

इस बीच, मुख्यमंत्री सुक्खू ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सरकार ने वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की पाली का समय कम करके उन पर बोझ कम कर दिया था, फिर भी ऐसी घटना घटित हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘उक्त चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।’’

आईजीएमसी के पल्मोनरी वार्ड में सोमवार को हुई इस झड़प का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें डॉक्टर मरीज के चेहरे पर मुक्का मारता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि मरीज डॉक्टर को लात मारने की कोशिश करता नजर आ रहा है।

भाषा धीरज शफीक

शफीक


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