नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राजस्थान सरकार को निर्देश दिया कि वह सरिस्का बाघ अभयारण्य के एक किलोमीटर के दायरे में अवैध खनन की शिकायतों से निपटने के लिए अलवर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करे।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिनमें दावा किया गया था कि शीर्ष अदालत द्वारा अवैध खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद बाघ अभयारण्य के एक किलोमीटर के दायरे में ऐसी गतिविधियां जारी हैं।
राजस्थान सरकार ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि को रोकने के लिए राजमार्गों पर रात में भी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है।
न्याय मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता के. परमेश्वर ने कहा कि शिकायतों से निपटने के लिए राज्य द्वारा एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति किया जाना बेहतर तरीका होगा।
पीठ ने कहा, ‘‘हम राजस्थान सरकार को अलवर के जिला खनन अधिकारी के कार्यालय में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देते हैं।’’
इसने कहा कि शिकायत प्राप्त होने पर नोडल अधिकारी दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेंगे।
अदालत ने आवेदनों का निपटारा करते हुए कहा कि यदि ऐसी शिकायत पर विचार नहीं किया जाता है, तो पीड़ित व्यक्ति संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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