IMA Writes Letter to PM Modi: IMA ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, की इन मांगों को पूरा करने की अपील
IMA Writes Letter to PM Modi: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डॉक्टरों की मांगों पर हस्तक्षेप की
Today News and LIVE Update 7 September
नई दिल्ली : IMA Writes Letter to PM Modi: कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पूरे देश में आक्रोश है। देश भर के डॉक्टर्स इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डॉक्टरों की मांगों पर हस्तक्षेप की मांग की है। आईएमए ने अपने पत्र में लिखा कि 9 अगस्त 2024 की सुबह आर जी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता में ड्यूटी के दौरान चेस्ट मेडिसिन की एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इसने चिकित्सा जगत और पूरे देश को समान रूप से झकझोर कर रख दिया है। 15 अगस्त 2024 को अस्पताल में एक बड़ी भीड़ द्वारा तोड़फोड़ की गई, जिसने उस क्षेत्र सहित अस्पताल के विभिन्न हिस्सों को नष्ट कर दिया, जहां पीड़िता मिली थी। पेशे की प्रकृति के कारण डॉक्टर और विशेषकर महिलाएं हिंसा की चपेट में हैं। अस्पतालों और परिसरों के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा प्रदान करना अधिकारियों का काम है।
आरजी कर, कोलकाता की घटना ने अस्पताल में हिंसा के दो आयामों को सामने ला दिया है। महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी के कारण अपराध और बर्बरता ने देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। देश भर में डॉक्टरों ने आज गैर-आवश्यक सेवाएं वापस ले ली हैं और केवल आपातकालीन और आकस्मिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
IMA ने राखी निम्नलिखित मांगें
- अस्पतालों का सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होना चाहिए
- अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र बनाया जाए।
- अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।
- रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में बदलाव किया जाए।
- अपराध की समय-सीमा में सूक्ष्म एवं पेशेवर जांच कर न्याय दिलाया जाए।
- शोक संतप्त परिवार को क्रूरता के अनुरूप उचित और सम्मानजनक मुआवजा मिले।
डॉक्टर्स ने की मांगे पूरी करने की अपील
IMA Writes Letter to PM Modi: आईएमए ने लेटर में आगे लिखा- इससे महिला डॉक्टरों को कार्यस्थल पर आत्मविश्वास मिलेगा। क्योंकि देशभर में 60% भारतीय डॉक्टर महिलाएं हैं। दंत चिकित्सा पेशे में यह प्रतिशत 68%, फिजियोथेरेपी में 75% और नर्सिंग में 85% तक है। सभी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर कार्यस्थल पर शांतिपूर्ण माहौल, सुरक्षा और संरक्षा के पात्र हैं। हम हमारी मांगों को पूरा करने के लिए उचित उपाय सुनिश्चित करने के लिए आपके सौम्य हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं।

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