सड़क सुरक्षा के उपायों में सुधार से भारत में हर साल करीब 30,000 जिंदगियां बचायी जा सकती हैं : अध्ययन

सड़क सुरक्षा के उपायों में सुधार से भारत में हर साल करीब 30,000 जिंदगियां बचायी जा सकती हैं : अध्ययन

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  • Publish Date - June 30, 2022 / 02:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) भारत में सड़क सुरक्षा के उपायों में सुधार लाने से हर साल करीब 30,000 जिंदगियों को बचाया जा सकता है। ‘द लांसेट’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह कहा गया है।

अध्ययन में चार प्रमुख खतरे बताए गए हैं जिनमें तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाना, हेलमेट नहीं पहनना और सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना शामिल हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि गति की जांच करने के लिए कदम उठाने से भारत में 20,554 जिंदगियों को बचाया जा सकता है जबकि हेलमेट पहनने के लिए बढ़ावा देने से 5,683 जिंदगियों को बचाया जा सकता है। देश में सीट बेल्ट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से 3,204 लोगों की जान बचाई जा सकती है।

अनुसंधानाकर्ताओं का कहना है कि दुनियाभर में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 13.5 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है, जिनमें से 90 फीसदी मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।

सड़क सुरक्षा पर लांसेट की श्रृंखला राजनीतिक और वित्तीय प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने तथा सड़क सुरक्षा को मुख्यधारा की विकास नीतियों में शामिल करने का आह्वान करता है।

श्रृंखला के समन्वयक जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका के प्रोफेसर अदनान हैदर ने कहा, ‘‘ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं लेकिन दुख की बात यह है कि कम आय वाले देशों में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है जबकि अधिक आय वाले देशों में पिछले दशक में यह संख्या कम हो गयी है।’’

हैदर ने कहा, ‘‘इस श्रृंखला के लिए हमारा काम साफ तौर पर दिखाता है कि सड़क सुरक्षा उपायों से सभी अमीर और गरीब देशों में जिंदगियों को बचाया जा सकता है।’’

वैश्विक रूप से 185 देशों में 74 अध्ययनों के विश्लेषण से यह पता चलता है कि नियमित तौर पर हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने, गति सीमा का पालन करने और शराब पीकर गाड़ी न चलाने से हर साल दुनियाभर में 3.47 लाख से 5.4 लाख जिंदगियों को बचाया जा सकता है।

अध्ययन का अनुमान है कि सड़क दुर्घटनाओं से लगने वाली चोटों और मौतों के लिए चार प्रमुख खतरों से निपटकर दुनियाभर में हर साल 25 से 40 फीसदी के बीच सभी जानलेवा चोटों से बचा जा सकता है।

भाषा गोला अविनाश

अविनाश