केरल में विपक्षी यूडीएफ ने पिछले दरवाजे से नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए विस से बहिर्गमन किया

केरल में विपक्षी यूडीएफ ने पिछले दरवाजे से नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए विस से बहिर्गमन किया

केरल में विपक्षी यूडीएफ ने पिछले दरवाजे से नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए विस से बहिर्गमन किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: January 12, 2021 11:42 am IST

तिरुवनंतपुरम, 12 जनवरी (भाषा) पिछले दरवाजे से की गयी कथित नियुक्तियों और विभिन्न संस्थाओं में अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी करने के मुद्दे पर कांग्रेस नीत यूडीएफ ने केरल विधानसभा में एलडीएफ के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और बाद में सदन से बहिर्गमन किया। हालांकि, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

विपक्ष ने दावा किया कि सरकार ने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती के बजाए अस्थायी नियुक्तियों की संख्या दोगुणी कर दी।

विपक्ष ने राज्य की फिल्म अकादमी के अध्यक्ष कमल द्वारा संस्कृति मामलों के मंत्री एक के बालन को लिखे गए एक पत्र को भी जारी किया, जिसमें कथित तौर पर आग्रह किया गया कि मार्क्सवादी रूझान रखने वाले अनुबंधित कर्मचारियों को संस्थानों में स्थायी कर दिया जाए।

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स्थगन प्रस्ताव में लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष, सरकार की नियुक्तियों पर संदेह पैदा करना चाहता है। विजयन ने कहा कि वाम सरकार का दृढ़ रुख है कि सभी नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।

प्रस्ताव पेश करते हुए शफी परमबिल (कांग्रेस) ने आरोप लगाया कि केरल में लोक सेवा आयोग ‘पार्टी सर्विस कमीशन’ बन गया है।

विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीतला ने सदन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए आरोप लगाया कि एलडीएफ सरकार ने पिछले दरवाजे से एक लाख से ज्यादा लोगों की नियुक्ति की है। उन्होंने कहा है कि कम से कम 42 सरकारी उपक्रमों के अलावा सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थानों में ये नियुक्तियां की गयी हैं।

चेन्नीतला ने आरोप लगाया कि लोक सेवा आयोग के रैंक धारक छात्रों की उपेक्षा करते हुए ये नियुक्तियां की गयी हैं।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप


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