मणिपुर में उग्रवादियों ने मेइती धार्मिक स्थल पर समीपवर्ती पहाड़ियों से गोलीबारी की, कोई हताहत नहीं
मणिपुर में उग्रवादियों ने मेइती धार्मिक स्थल पर समीपवर्ती पहाड़ियों से गोलीबारी की, कोई हताहत नहीं
इंफाल, 28 फरवरी (भाषा) संघर्ष प्रभावित मणिपुर में ग्रामीण स्वयंसेवकों द्वारा सामूहिक रूप से हथियार सौंपे जाने के बीच शुक्रवार को अज्ञात उग्रवादियों ने इंफाल पूर्वी जिले में एक मेइती धार्मिक स्थल पर समीपवर्ती पहाड़ियों से गोलीबारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस घटना में हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
उन्होंने बताया कि यह घटना सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुई, जब श्रद्धालुओं का एक समूह भारी सुरक्षा घेरे में प्रार्थना करने के लिए मेइती लोगों के पवित्र स्थल कोंगबा मारू गया था।
अधिकारियों ने बताया कि आसपास की पहाड़ियों से कुल सात गोलियां चलाई गईं लेकिन घटना में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर भेजा गया है।
गोलीबारी की घटना के बाद आस-पास के गांवों के गुस्साए स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए यातायात अवरूद्ध कर दिया।
कोंगबा मारू में पहले भी कंगपोकपी जिले के समीपवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों से आए उपद्रवियों द्वारा मंदिर की संपत्ति में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी।
इससे पहले एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों के लोगों की अतिरिक्त समय की मांग के बाद लूटे गए और अवैध हथियारों की वापसी की समय सीमा 6 मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी।
भल्ला ने 20 फरवरी को संघर्षरत समूहों से सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियारों और अवैध रूप से रखे गए अन्य हथियारों को सात दिनों के भीतर स्वेच्छा से सौंपने का आग्रह किया था, जिसकी समय सीमा बृहस्पतिवार को समाप्त हो गई।
सात दिनों की अवधि के दौरान, मुख्य रूप से घाटी के जिलों में जनता द्वारा 300 से अधिक आग्नेयास्त्रों को सुरक्षाबलों को सौंप दिया गया।
मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
केंद्र ने 13 फरवरी को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक है, निलंबित अवस्था में है।
भाषा
प्रशांत पवनेश
पवनेश

Facebook



