Increasing employment from fish production

यहां की सरकार की बड़ी पहल, इस योजना से लोगों को बना रही आत्मनिर्भर, बढ़ा रोजगार

Increasing employment from fish production झारखंड में राज्य सरकार मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में लगातार काम कर रही है।

Edited By :   Modified Date:  April 30, 2023 / 11:07 PM IST, Published Date : April 30, 2023/11:02 pm IST

Increasing employment from fish production: रांची। झारखंड में राज्य सरकार मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में लगातार काम कर रही है। मछली उत्पादकों के लिए मछली ग्रामीण एटीएम की तरह हो गया है। पैसे की जरुरत हुई, मछली निकालो, बेचो और जरूरत पूरा करो। राज्य सरकार का लक्ष्य मछली उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड को ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनाना है।

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बल्कि राज्य में मछली का उत्पादन कर आस-पास के दूसरे राज्यों की आवश्यकता की पूर्ति भी करना है। जिसके बदौलत झारखंड के किसान आत्मनिर्भर बनें और उनके आय में बढ़ोतरी हो। इसी कड़ी में राज्य योजना अंतर्गत मत्स्य बीज उत्पादकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मत्स्य विभाग के द्वारा किया गया।

राज्य सरकार मत्स्य उत्पादन को लेकर कर रही काम

मत्स्य निदेशालय में राज्य भर से आए मत्स्य उत्पादकों को मत्स्य बीज उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान मत्स्य निदेशक ने मत्स्य पालक किसान को बताया। मत्स्य बीज को तैयार करने के लिए किन-किन चीजों का ध्यान देना आवश्यक है। मछली के प्राकृतिक भोजन के लिए तालाब में खरपतवार को हमेशा साफ रखने की सलाह दी गई। खरपतवार के रहने से मछली को प्राकृतिक भोजन नहीं मिलेगा और फिर मछली का गुणवत्तापूर्ण बीज का उत्पादन संभव नहीं है।

मछली पालन में आई क्रांति

Increasing employment from fish production: आगे झारखंड मछली उत्पादन के क्षेत्र में मत्स्य निदेशक ने कहा कि हमने भी नहीं सोचा था। मछली पालन भी अलग-अलग तरीके से होगा। नई-नई तकनीक आ चुका है। मछली को खाना दिया जा रहा है, आधुनिक तकनीक आ गया है. केज कल्चर आया, जिससे मछली पालन में क्रांति आई और लोगों के आय में बढ़ोतरी हो रही है। बायोफलॉक के जरिए लोग अब छत पर भी मछली पालन कर रहे हैं।

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रंगीन मछली के पालन से रोजगार बढ़ा

रंगीन मछली के पालन से रोजगार बढ़ा है। मत्स्य कृषक राज्य में बेहतर काम कर रहे हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में दो लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ, जबकि लक्ष्य दो लाख 95 हजार टन उत्पादन का रखा गया था। बीज उत्पादकों को मछली के बीज तैयार करने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसे मत्स्य कृषक स्थानीय स्तर पर पंचायत लेबल पर बीज तैयार कर राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ावा देंगे।

 

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