भारत एक ‘‘सभ्यतागत लोकतंत्र’’ है: हिमंत |

भारत एक ‘‘सभ्यतागत लोकतंत्र’’ है: हिमंत

भारत एक ‘‘सभ्यतागत लोकतंत्र’’ है: हिमंत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : September 22, 2022/6:58 pm IST

गुवाहाटी, 22 सितंबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भारत ‘‘संवैधानिक लोकतंत्र नहीं’’, बल्कि एक ‘‘सभ्यतागत लोकतंत्र’’ है।

यहां ‘लोकमंथन’ सम्मेलन के तीसरे संस्करण में उन्होंने कहा कि ‘‘भारतीय सभ्यता’’ पर वामपंथियों और धर्मनिरपेक्षतावादियों के ‘‘हमले’’ के खिलाफ सामूहिक रूप से जवाब दिये जाने की जरूरत है।

शर्मा ने कहा, ‘‘हमारी सभ्यता के प्रति चुनौतियों के लिए हमें उन्हें (वामपंथी और धर्मनिरपेक्षतावादियों को) यह समझाना होगा कि भारत 1947 में अस्तित्व में आई एक भौगोलिक इकाई नहीं है। मैं हमेशा यही कहता हूं कि भारत एक संवैधानिक लोकतंत्र नहीं है बल्कि सभ्यतागत लोकतंत्र है।’’

भारत ने 1950 में अपना संविधान अपनाया था और 1951 में चुनावी लोकतंत्र अस्तित्व में आया था।

कुछ इतिहासकारों का दावा है कि प्राचीनकाल में भारत में लोकतंत्र मौजूद था।

शर्मा ने हालांकि यह नहीं बताया कि ‘सभ्यतागत लोकतंत्र’ से उनका क्या मतलब है।

भाषा देवेंद्र अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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