भारत ने अफगानिस्तान संकट के समावेशी राजनीतिक समाधान की वकालत की

भारत ने अफगानिस्तान संकट के समावेशी राजनीतिक समाधान की वकालत की

भारत ने अफगानिस्तान संकट के समावेशी राजनीतिक समाधान की वकालत की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: November 24, 2021 4:11 am IST

political solution to Afghanistan crisis  : नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) भारत ने अफगानिस्तान संकट का बातचीत के जरिये समावेशी राजनीतिक समाधान निकालने की जरूरत दोहराते हुए बुधवार को कहा कि उसकी धरती का किसी दूसरे देश को नुकसान पहुंचाने के लिये इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए ।

उद्योग परिसंघ के सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत सभी संबद्ध पक्षों के साथ सम्पर्क में है ।

उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि एक कठिन परिस्थिति से अपने हितों की सुरक्षा करते हुए कैसे बेहतर ढंग से आगे बढ़ा जा सकता है।

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विदेश सचिव ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ ‘सक्रिय’ है और ‘सम्पर्क’ बनाये हुए है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके वृहत हितों की सुरक्षा हो सके ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस मुद्दे पर सभी संबंधित देशों के साथ सम्पर्क में है और हम देखेंगे कि इस कठिन परिस्थिति में अपने हितों की बेहतर ढंग से सुरक्षा करते हुए कैसे आगे बढ़ा जा सकता है।’’

श्रृंगला ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि कई तरह से हम काफी सक्रिय हैं और मैं कहना चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर सम्पर्क बनाये हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि हमारे वृहत हित सुरक्षित हो।’’

विदेश सचिव ने अफगानिस्तान के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 का जिक्र करते हुए इसे लाभकारी बताया ।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय पहुंच प्रदान करने की जरूरत है तथा वहां महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में बातचीत के जरिये समावेशी राजनीतिक समाधान निकाला जाए, उसकी धरती का किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिये इस्तेमान न हो, वहां मानवीय आधार पर पहुंच सुगम बनायी जाए।

श्रृंगला ने कहा कि ये बुनियादी मानदंड है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को देखना होगा कि अफगानिस्तान की वर्तमान सत्ता इस पर जवाबदेह हो। उन्होंने कहा कि हमें देखना और इंतजार करना होगा ।

भाषा दीपक प्रशांत

प्रशांत


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