डब्ल्यूएचओ का एंड-टीबी लक्ष्य 2020 हासिल करने में विफल रहा भारत और विश्व: लांसेट अध्ययन |

डब्ल्यूएचओ का एंड-टीबी लक्ष्य 2020 हासिल करने में विफल रहा भारत और विश्व: लांसेट अध्ययन

डब्ल्यूएचओ का एंड-टीबी लक्ष्य 2020 हासिल करने में विफल रहा भारत और विश्व: लांसेट अध्ययन

:   Modified Date:  March 20, 2024 / 04:28 PM IST, Published Date : March 20, 2024/4:28 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) भारत में 2015 से 2020 के बीच ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) के मामलों में 0.5 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई और देश 2020 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का एंड-टीबी लक्ष्य हासिल में विफल रहा। ‘द लांसेट इंफेक्शियस डिजीज़’ पत्रिका में प्रकाशित एक नए वैश्विक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।

डब्ल्यूएचओ की टीबी उन्मूलन रणनीति का लक्ष्य 2015 के आधारभूत आंकड़ों की तुलना में 2030 तक टीबी से होने वाली मौतों में 90 प्रतिशत और मामलों की दर में 80 प्रतिशत की कमी लाना है। 2020 के लक्ष्य में टीबी मामलों की दर में 20 प्रतिशत जबकि मृत्युदर में 35 प्रतिशत की कमी लाना था।

नवीनतम अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि भारत में सभी उम्र के लोगों के बीच टीबी के मामलों की संख्या 2020 में प्रति एक लाख की आबादी पर 213 थी, जो कि (भारत के लिए) डब्ल्यूएचओ के लक्ष्य यानी प्रति एक लाख जनसंख्या पर 171 मामलों से काफी ऊपर है। इसके अलावा भारत में टीबी से साढ़े तीन से पांच लाख लोगों की मौत हुई, जो निर्धारित लक्ष्य 2.7-3.2 लाख से काफी ज्यादा रहीं।

यह अध्ययन 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस से पहले प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन में शामिल 204 देशों में से केवल 15 ही 2020 तक टीबी के मामलों में कमी लाने का लक्ष्य हासिल कर पाए जबकि 17 देशों ने मृत्यु दर में कमी लाने का लक्ष्य हासिल किया। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि टीबी के मामलों में कमी लाने वाले 15 में से 11 देश उप-सहारा अफ्रीका के थे।

अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि 2020 में वैश्विक स्तर पर टीबी के कुल जितने मामले सामने आए, उनमें से 37 प्रतिशत 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के बीच से आए। जबकि मौत के भी 57 प्रतिशत मामले इसी आयुवर्ग के बीच से आए।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा

 

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