Agni-4 Missile : भारत ने रचा एक और इतिहास, Agni-4 मिसाइल का किया सफल परीक्षण

Agni-4 Missile : भारत ने शुक्रवार को बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज से इसे लॉन्च किया।

Agni-4 Missile : भारत ने रचा एक और इतिहास, Agni-4 मिसाइल का किया सफल परीक्षण

Agni-4 Missile

Modified Date: September 6, 2024 / 10:36 pm IST
Published Date: September 6, 2024 10:36 pm IST

नई दिल्ली : Agni-4 Missile : भारत ने शुक्रवार को बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज से इसे लॉन्च किया। परीक्षण के दौरान अग्नि-4 ने सभी तय मानकों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया। भारत की इस मिसाइल की मारक क्षमता 4,000 किमी से अधिक है, जो न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन के लिए भी चिंता का कारण है। अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग है। यह न केवल भारत की सुरक्षा को मजबूत करता है बल्कि पड़ोसी देशों के लिए भी एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अपनी सामरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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अग्नि-4 मिसाइल क्या है ?

Agni-4 Missile :  अग्नि-4 एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। यह मिसाइल देश की स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड की चौथी पीढ़ी की मिसाइल है, जो अपनी हल्की बनावट और उच्च सटीकता के लिए जानी जाती है। मिसाइल की खासियत यह है कि यह 100 मीटर के दायरे में किसी भी लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सक्षम है, और इसकी नेविगेशन प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल है। इसे 8*8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है, जिससे इसकी लॉन्चिंग और भी कुशल हो जाती है।

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मारक क्षमता है 4000 किमी से ज्यादा

Agni-4 Missile :  अग्नि-4 की मारक क्षमता 4,000 किमी से भी अधिक है, जिसका मतलब है कि यह मिसाइल पड़ोसी देशों में किसी भी महत्वपूर्ण ठिकाने को मिनटों में निशाना बना सकती है। इसका परीक्षण भारत की परमाणु प्रतिरोध क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी तय मानकों को पूरा किया और अपनी तकनीकी दक्षता को साबित किया। स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड के अंतर्गत किए गए इस परीक्षण में सभी ऑपरेशनल पैरामीटर्स की दोबारा से जांच की गई। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह परीक्षण रूटीन ट्रेनिंग लॉन्च का हिस्सा था, जो भारत की रक्षा तैयारियों का नियमित हिस्सा है।

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